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भारत सिर्फ 3 साल में BS-4 से सीधे BS-6 मानक लागू करने जा रहा है.
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World's cleanest petrol, diesel now in India: भारत अब दुनिया का सबसे स्वच्छ पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) अपनाने के लिये पूरी तरह तैयार है. 1 अप्रैल से नये उत्सर्जन BS-6 के अनुकूल फ्यूल की सप्लाई शुरू कर दी जाएगी. इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. भारत ने गाड़ियों का उत्सर्जन कम करने के लिये BS-4 से सीधे BS-6 मानक पर अमल करने का निर्णय लिया था और सिर्फ 3 साल में इसे अमल में लाने जा रहा है. इससे साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा, जहां सबसे स्वच्छ पेट्रोल-डीजल का उपयोग होता है.
पीटीआई के अनुसार, इंडियन ऑयल के चेयरमैन संजीव सिंह ने कहा कि लगभग सभी रिफाइनरी ने 2019 के अंत तक BS-6 के अनुकूल पेट्रोल और डीजल का उत्पादन शुरू कर दिया है. अब पेट्रोलियम कंपनियों ने देश में पेट्रोल-डीजल की आखिरी बूंद को BS-6 मानक वाले फ्यूल से स्थानांतरित करने का बीड़ा उठा लिया है.
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क्लीन फ्यूल डिपो से पेट्रोल पंपों तक भी पहुंचने लगे
सिंह ने कहा, ‘‘हम 1 अप्रैल से BS-6 फ्यूल की आपूर्ति करने की दिशा में पूरी तरह से सही राह पर हैं. करीब सभी रिफाइनरीज प्लांट ने BS-6 फ्यूल की आपूर्ति शुरू कर दी है और ये फ्यूल देश भर में भंडार डिपो तक पहुंचने लगे हैं.’’ उन्होंने कहा कि क्लीन फ्यूल भंडार डिपो से पेट्रोल पंपों तक भी पहुंचने लगे हैं और अगले कुछ सप्ताह में सिर्फ क्लीन फ्यूल ही उपलब्ध होंगे.
संजीव सिंह ने भरोसा जताया है कि पेट्रोल पंपों पर 1 अप्रैल से BS-6 मानक पेट्रोल-डीजल ही बिकेंगे. भारत ने 2010 में BS-3 उत्सर्जन मानक को अपनाया था. BS-3 से BS-4 तक पहुंचने में देश को सात साल का समय लगा था. सरकारी रिफाइनरी कंपनियों ने नए मानक के अनुकूल फ्यूल तैयार करने के लिये करीब 35 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया है. BS-6 के अनुकूल पेट्रोल और डीजल में सल्फर की मात्रा महज 10 पीपीएम होती है. यह सीएनजी की तरह स्वच्छ माना जाता है.
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डीजल कारों में 70% तक कम हो जाएगा उत्सर्जन
पहले यह योजना थी कि दिल्ली और आस-पास के शहरों में क्लीन फ्यूल की आपूर्ति अप्रैल 2019 तक बहाल की जाएगी. देश भर में अप्रैल 2020 से आपूर्ति शुरू की जाएगी. हालांकि, कंपनियों ने दिल्ली-एनसीआर में 1 अप्रैल 2018 से ही नए मानक के अनुकूल फ्यूल की आपूर्ति शुरू कर दी. इसके बाद 1 अप्रैल 2019 से क्लीन फ्यूल की आपूर्ति राजस्थान के चार और उत्तरप्रदेश के आठ सीमावर्ती जिलों समेत आगरा जिले में शुरू कर दी गई. हरियाणा के 7 जिलों में ये फ्यूल 1 अक्टूबर 2019 से उपलब्ध हो गए. सिंह ने कहा कि नए फ्यूल से BS-6 अनुकूल वाहनों का नाइट्रोजन ऑक्साइड उत्सर्जन पेट्रोल कारों में 25 फीसदी तक और डीजल कारों में 70 फीसदी तक कम हो जाएगा.