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The lower inflation should come as a relief from a policy perspective, but the core (excluding food and fuel) inflation is sticky, it said.
WPI Inflation: आम आदमी के लिए कोरोना संकट के बीच महंगाई भी परेशानी बन रही है. खाने पीने की कीमतों में कुछ कमी आई है लेकिन होलसेल प्राइस बेस्ड इनफ्लेशन यानी थोक महंगाई दर (WPI) नवंबर में बढ़कर 9 महीनों के हाई पर पहुंच गया है. नवंबर में थोक महंगाई दर में मंथली आधार पर 1.55 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है. पिछले महीने थोक महंगाई दर 1.48 फीसदी थी. इस दौरान मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट की कीमतों में ज्यादा इजाफा देखने को मिला है.
फूड इनफ्लेशन में आई कमी
फूड इनफ्लेशन नवंबर में घटकर 3.94 फीसदी पर आ गया है, जबकि अक्टूबर में यह 6.37 फीसदी पर था. जबकि मैन्युफैक्चर्ड WPI अक्टूबर के 2.12 फीसदी से बढ़कर 2.97 फीसदी रही है. नवंबर में प्राइमरी आर्टिकल्स की WPI अक्टूबर के 4.74 फीसदी से घटकर 2.72 फीसदी रही है. नवंबर में फ्यूल एंड पावर WPI पिछले महीने के -10.95 फीसदी से बढ़कर -9.87 फीसदी रही है. नॉन फूड आर्टिकल्स में नवंबर में महंगाई दर 8.43 फीसदी रही है.
सब्जियों के दाम अभी भी ज्यादा
नवंबर में भी आलू सहित सब्जियों के दाम ज्यादा बने हुए हैं. हालांकि ओवरआल सब्जियों की थोक महंगाई 25.23 फीसदी से घटकर 12.24 फीसदी रही है. नवंबर में आलू की थोक महंगाई पिछले महीने के 107.70 फीसदी से बढ़कर 115.12 फीसदी और प्याज की थोक महंगाई 8.49 फीसदी से घटकर -7.58 फीसदी रही है.
सस्ता हुआ दूध
नवंबर में दूध की थोक महंगाई अक्टूबर के 5.54 फीसदी से घटकर 5.53 फीसदी रही है. अंडे, मांस की थोक महंगाई 1.65 फीसदी से घटकर 0.61 फीसदी रही है. नवंबर में कोर महंगाई दर अक्टूबर के 1.7 फीसदी से बढ़कर 2.6 फीसदी रही है.
बता दें कि RBI ने अपनी लेटेस्ट मॉनेटरी पॉलिसी में कहा था कि महंगाई दर बढ़ रही है, लेकिन उम्मीद है कि सर्दियों के मौसम में इस पर कंट्रोल होगा. अक्टूबर से दिसंबर तिमाही के लिए ​कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स पर बेस्ड रिटेल इनफ्लेशन के 6.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया था.