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खाद्य वस्तुओं की कीमतों में तेजी से थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति (Wholesale Inflation) नवबंर महीने में बढ़कर 0.58 फीसदी पर पहुंच गई. अक्टूबर में यह 0.16 फीसदी पर थी. नवंबर 2018 में मासिक थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति (WPI) 4.47 फीसदी पर थी. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, खाने-पीने के सामान की मुद्रास्फीति अक्टूबर के 9.80 फीसदी से बढ़कर नवंबर 2019 के दौरान 11 फीसदी पर पहुंच गई.
वहीं, गैर-खाद्य उत्पाद वर्ग की मुद्रास्फीति अक्टूबर के 2.35 फीसदी से कम होकर नवंबर में 1.93 फीसदी रह गई. मैन्युफैक्चरिंग प्रॉडक्ट्स के लिए थोक मुद्रास्फीति इस महीने भी शून्य से 0.84 फीसदी नीचे रही.
खुदरा महंगाई तीन साल के हाई पर
पिछले हफ्ते आए आंकड़ों के मुताबिक, प्याज सहित अन्य सब्जियों, दाल और मांस, मछली जैसी प्रोटीन वाली वस्तुओं के दाम चढ़ने से नवंबर माह में खुदरा मुद्रास्फीति की दर बढ़कर 5.54 फीसदी पर पहुंच गई. यह इसका तीन साल का उच्चस्तर है. इससे पहले जुलाई 2016 में खुदरा महंगाई 6.07 फीसदी दर्ज की गई थी. अक्टूबर 2019 में महंगाई 4.62 फीसदी और नवंबर 2018 में 2.33 फीसदी थी. वहीं अक्टूबर में औद्योगिक उत्पादन 3.8 फीसदी घटा गया. गिरावट की वजह बिजली, खनन और मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र का कमजोर प्रदर्शन रहा.
नवंबर में खुदरा महंगाई 3 साल के उच्च स्तर पर, बढ़कर हुई 5.54%; अक्टूबर में औद्योगिक उत्पादन 3.8% घटा