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Wrestlers Protest: नाबालिग पहलवान ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ लगे सभी आरोप लिए वापस, क्यों अपने बयान से पलटी महिला रेसलर?

Wrestlers Protest: नाबालिग महिला पहलवान ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ लगे सभी आरोप लिए वापस

Wrestlers Protest: नाबालिग महिला पहलवान ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ लगे सभी आरोप लिए वापस

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FE Hindi Desk
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Brij-Bhushan-has-been-the-president-of-the-WFI-since-2011.-PTI

Wrestlers Protest: नाबालिग महिला पहलवान ने 10 मई को मजिस्ट्रेट के सामने बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न को लेकर पहला बयान दर्ज कराया था. (PTI)

Wrestlers Protest: रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न और पीछा करने का आरोप लगाने वाली नाबालिग महिला पहलवान ने अपने आरोप वापस ले लिए हैं. नाबालिग लड़की ने ये आरोप पुलिस और मजिस्ट्रेट के सामने सामने लगाए थे. भाजपा सांसद के खिलाफ 7 महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे, जिसमें एक नाबालिग महिला पहलवान भी शामिल है. इंडियन एक्सप्रेस ने इस बात की जानकारी दी.  

नाबालिग के पिता ने नहीं दिया सवाल का जवाब 

सूत्रों ने कहा कि 17 वर्षीय महिला पहलवान ने कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने एक नया बयान दर्ज किया है. गौरतलब है कि इस बयान को अब न्यायालय के सामने सबूत माना जाएगा. हालांकि ये अदालत पर भी निर्भर करेगा कि सांसद पर लगे आरोपों का पालन किया जा सकता है या नहीं और 164 के तहत किस बयान को प्राथमिकता दी जाएगी. नाबालिग के पिता ने द इंडियन एक्सप्रेस के सवाल का जवाब नहीं दिया. दिल्ली पुलिस में दर्ज प्राथमिकी और द इंडियन एक्सप्रेस द्वारा रिपोर्ट के अनुसार, नाबालिग के पिता ने कहा था कि वह "पूरी तरह से परेशान है और.. आरोपी (सिंह) द्वारा किया गया यौन उत्पीड़न उसे हमेशा परेशान किए रहता है.” लड़की के शिकायत में कहा गया था कि सिंह ने एक तस्वीर क्लिक करने का नाटक करते हुए उसके साथ जानबूझ कर बदसलूकी की.

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POCSO के तहत था मामला दर्ज 

नाबालिग महिला पहलवान ने 10 मई को मजिस्ट्रेट के सामने सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न को लेकर पहला बयान दर्ज कराया था. प्राथमिकी के अनुसार, सिंह पर POCSO अधिनियम की धारा 10 और IPC की धारा 354 (महिला की शील भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल), 354A (यौन उत्पीड़न), 354D (पीछा करना) के तहत मामला दर्ज किया गया था, जिसमें एक से तीन साल तक की जेल हो सकती है. धारा 10 एक नाबालिग के खिलाफ गंभीर यौन हमले से संबंधित है जो सात साल तक की जेल की सजा के साथ दंडनीय है. वरिष्ठ अधिवक्ता रेबेका जॉन का इस मामले में कहना है, “मैं हैरान नहीं हूं. ऐसे मामलों में गिरफ्तारी में सोची-समझी देरी शिकायतकर्ता को दबाव में डालती है. जब महिलाएं ऐसे मामलों में सामने आती हैं, तो वे अपना जीवन और करियर दांव पर लगा देती हैं."

Delhi Police