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पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष की तरफ से उम्मीदवार होंगे. (File Photo)
Presidential Election 2022: अगले महीने होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष ने पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है. दिलचस्प बात यह है कि इस मौके पर कांग्रेस, टीएमसी, एनसीपी और लेफ्ट समेत तमाम प्रमुख विपक्षी दलों की तरफ से एक साझा बयान जारी किया गया, जिसमें बीजेपी और उनके सहयोगी दलों सहित सभी पार्टियों से एक योग्य राष्ट्रपति के निर्विरोध चुनाव के लिए यशवंत सिन्हा की उम्मीदवारी का समर्थन करने की अपील की गई है.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश द्वारा पढ़कर सुनाए गए इस साझा बयान में एक प्रशासनिक अधिकारी, सांसद-राजनेता और केंद्रीय मंत्री के रूप में यशवंत सिन्हा के शानदार सार्वजनिक जीवन की जमकर तारीफ की गई है. साथ ही इसमें कहा गया है कि देश के संवैधानिक मूल्यों और सेकुलर-डेमोक्रेडिट ढांचे की सर्वोच्चता बनाए रखने के लिहाज से यशवंत सिन्हा एक बेहद योग्य राष्ट्रपति साबित होंगे. जयराम रमेश ने यह आरोप भी लगाया कि राष्ट्रपति पद पर निर्विरोध चुनाव के लिए मोदी सरकार ने अपनी तरफ से कोई गंभीर पहल नहीं की.
फिलहाल ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस से जुड़े यशवंत सिन्हा बरसों तक बीजेपी के वरिष्ठ नेता रहे हैं. वे बीजेपी की अगुवाई वाली अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे. इस दौरान उन्होंने वित्त मंत्रालय और विदेश मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों का कामकाज संभाला. राजनीति में कदम रखने से पहले वे करीब 24 साल तक आईएएस अधिकारी रहे और इस दौरान केंद्र और राज्य सरकारों में अहम पदों पर काम किया.
राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष की तरफ से यशवंत सिन्हा की उम्मीदवारी का एलान मंगलवार 21 जून को विपक्षी पार्टियों की बैठक के दौरान कांग्रेस नेता जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने किया. एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि विपक्षी पार्टियां सिन्हा के नामांकन के लिए 27 जून को जाएंगी. राष्ट्रपति पद के लिए 18 जुलाई को मतदान होना है और मतगणना 21 जुलाई को होगी. वहीं दूसरी तरफ सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी ने अब राष्ट्रपति पद के लिए अपने उम्मीदवार का नाम घोषित नहीं किया है.
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TMC से अलग होकर विपक्षी एकता के लिए काम करेंगे : सिन्हा
यशवंत सिन्हा ने विपक्ष की तरफ से राष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर अपने नाम का ऐलान होने से पहले ट्विटर पर इसका संकेत दिया था. उन्होंने ट्वीट किया था कि ममता बनर्जी ने टीएमसी में उन्हें जो आदर-सम्मान दिया, उसके वे आभारी हैं. लेकिन अब समय आ गया है कि देश स्तर के बड़े काम के लिए पार्टी से खुद को अलग कर विपक्षी एकता के लिए काम किया जाए. उन्होंने ट्वीट में उम्मीद जताई थी कि ममता बनर्जी उनके इस कदम को मंजूरी देंगी.
I am grateful to Mamataji for the honour and prestige she bestowed on me in the TMC. Now a time has come when for a larger national cause I must step aside from the party to work for greater opposition unity. I am sure she approves of the step.
— Yashwant Sinha (@YashwantSinha) June 21, 2022
बताया जा रहा है कि टीएमसी ने जब यशवंत सिन्हा का नाम राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर सामने रखा, तो कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों ने जोर देकर कहा कि अगर वे टीएमसी से इस्तीफा देकर राष्ट्रपति चुनाव लड़ेंगे तो उनकी स्वीकार्यता और अधिक रहेगी. यशवंत सिन्हा ने साल 2018 में ही बीजेपी छोड़ दी थी. इसके बाद मार्च 2021 में वे टीएमसी में शामिल हुए और पार्टी के उपाध्यक्ष बनाए गए.
पवार, अब्दुल्ला और गांधी के नामों की चर्चा हो चुकी है
यशवंत सिन्हा से पहले विपक्ष की तरफ से एनसीपी प्रमुख शरद पवार, नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारुख अब्दुल्ला और पश्चिम बंगाल के पूर्व गवर्नर गोपालकृष्ण गांधी के नाम राष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर चर्चा में रहे हैं. लेकिन आखिरकार मंगलवार की सुबह शरद पवार के आवास पर विपक्षी उम्मीदवार पर सहमति बनाने के लिए दूसरे राउंड की बैठक हुई जिसमें यशवंत सिन्हा के नाम पर बात बनी.
यशवंत सिन्हा की उम्मीदवारी घोषित करने के लिए मंगलवार 21 जून को हुई इस बैठक में कांग्रेस, टीएमसी, डीएमके, एनसीपी, आरजेडी, समाजवादी पार्टी, सीपीएम, सीपीआई, नेशनल कॉन्फ्रेंस, AIMIM और AIUDF के नेता शामिल हुए. हालांकि आम आदमी पार्टी, बीजेडी, टीआरएस, शिरोमणि अकाली दल और YSR कांग्रेस ने इस बैठक में हिस्सा नहीं लिया. इन दलों ने राष्ट्रपति उम्मीदवार का नाम तय करने के लिए 15 जून को बुलाई गई विपक्षी दलों की पहली बैठक में भी शिरकत नहीं की थी.