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सोमवार यानी 16 दिसंबर से देश में 2 बड़े बदलाव हुए हैं. इनमें RBI द्वारा ऑनलाइन बैंकिंग ट्रांजैक्शन और TRAI द्वारा मोबाइल नंबर पोर्ट कराने के नियमों में बदलाव शामिल हैं. आज से जहां आप नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT) के जरिए 24 घंटे ऑनलाइन पैसों का लेन देन कर सकेंगे. वहीं मोबाइल नंबर पोर्ट कराने के नियमों में भी आज से बदलाव हो गया है. लोगों की सुविधाओं का ध्यान रखते हुए ये नियम आसान किए गए हैं.
24 घंटे NEFT ट्रांजैक्शन
आज से नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT) के जरिए ट्रांजैक्शन की सुविधा हफ्ते के सभी 7 दिन और 24 घंटे के लिए शुरू हो रही है. पहले इस सर्विस का लाभ 24 घंटे नहीं मिल रहा था. पिछले दिनों रिजर्व बैंक ने डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिये इस बात का एलान किया था. अभी तक NEFT के जरिए लेन-देन का निस्तारण सामान्य दिनों में सुबह 8 बजे से शाम 7 बजे के दौरान और पहले और तीसरे शनिवार को सुबह 8 बजे से दोपहर 1 बजे तक घंटे के आधार पर किया जाता है. NEFT ऑनलाइन ट्रांजैक्शन का एक तरीका है, जिसमें आप एक समय में 2 लाख रुपये तक की रकम ऑनलाइन ट्रांसफर कर सकते हैं.
किसी तरह का शुल्क नहीं
रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों को नियामक के पास चालू खाते में हर समय पर्याप्त राशि रखने को कहा है ताकि एनईएफटी ट्रांजैक्शन में कोई समस्या नहीं हो. जानकारी के लिए बता दें कि NEFT और RTGS ट्रांजैक्शन पर शुल्क पहले ही समाप्त कर दिया गया है.
3-5 वर्किंग डे में मोबाइल नंबर पोर्ट
आज से मोबाइल नंबर पोर्ट कराने में आसानी होगी. भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने संशोधित मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (एमएनपी) प्रक्रिया के लिए पिछले दिनों सार्वजनिक नोटिस जारी किया था. जिसमें 16 दिसंबर से पोर्टिंग की प्रक्रिया तेज और सुगम हो जाने की बात कही गई थी. एमएनपी के तहत कोई उपभोक्ता अपने आपरेटर को बदल सकता है और उसका मोबाइल नंबर कायम रहता है. नयी प्रक्रिया विशिष्ट पोर्टिंग कोड (यूपीसी) का सृजन करने की शर्त के साथ लाई गई है.
नई प्रक्रिया के तहत सर्विस एरिया के अंदर अगर कोई पोर्ट कराने के आग्रह करता है तो उसे 3 वर्किंग डे में पूरा करना होगा. वहीं एक सर्किल से दूसरे सर्किल में पोर्ट के आग्रह को 5 वर्किंग डे में पूरा करना होगा. ट्राई ने स्पष्ट किया है कि कॉरपोरेट मोबाइल कनेक्शनों की पोर्टिंग की समयसीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
नई प्रक्रिया के नियम तय करते हुए ट्राई (TRAI) ने कहा कि विभिन्न शर्तों के सकारात्मक अनुमोदन से ही यूपीसी का सृजन तय होगा. उदाहरण के लिए पोस्ट पेड मोबाइल कनेक्शनों के मामले में ग्राहक को अपने बकाया के बारे में संबंधित आपरेटर से प्रमाणन लेना होगा. इसके अलावा मौजूदा आपरेटर के नेटवर्क पर उसे कम से कम 90 दिन तक सक्रिय रहना होगा. लाइसेंस वाले सेवा क्षेत्रों में यूपीसी चार दिन के लिए वैध होगा. वहीं जम्मू-कश्मीर, असम और पूर्वोत्तर सर्किल में यह 30 दिन तक वैध रहेगा.