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कोरोना के इलाज में Virafin को मिली मंजूरी, टेस्ट के दौरान 7 दिनों में रिपोर्ट निगेटिव आने का दावा

Zydus का दावा है कि Virafin के इस्तेमाल से कोरोना संक्रमित मरीजों की आरटी-पीसीआर रिपोर्ट 7 दिन में निगेटिव आई है. इसके अलावा मरीजों को सप्लीमेंटल ऑक्सीजन की जरूरत भी कम हुई है

Zydus का दावा है कि Virafin के इस्तेमाल से कोरोना संक्रमित मरीजों की आरटी-पीसीआर रिपोर्ट 7 दिन में निगेटिव आई है. इसके अलावा मरीजों को सप्लीमेंटल ऑक्सीजन की जरूरत भी कम हुई है

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Zydus Cadila Virafin gets emergency use authorisation for Covid treatment Here IS all you need to know

दवा नियामक ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने Zydus Cadila के वीराफिन को मंजूरी दी है.

कोरोना महामारी की दूसरी लहर पिछले साल की पहली लहर से अधिक खतरनाक साबित हो रही है. भारत में कोरोना संक्रमण के रिकॉर्ड मामले सामने आ रहे हैं और इसके चलते रिकॉर्ड संख्या में लोगों की जानें जा रही हैं. इसके इलाज के लिए सीमित दवाओं की ही मंजूरी मिली है और अब इसी कड़ी में दवा नियामक ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने Zydus Cadila की बनाई एंटी वायरल दवा वीराफिन को मंजूरी दी है. दवा नियामक ने Virafin को कोरोना संक्रमण के मॉडेरेट केसेज में आपातकालीन प्रयोग को मंजूरी (ईयूए) दी है.

यह एंटी-वायरल दवा बनाने वाली कंपनी जायडस कैडिला का दावा है कि इसके इस्तेमाल से कोरोना संक्रमित मरीजों की आरटी-पीसीआर रिपोर्ट 7 दिन में निगेटिव आई है. इसके अलावा मरीजों को सप्लीमेंटल ऑक्सीजन की जरूरत भी कम हुई है यानी कि उन्हें कम देर तक सप्लीमेंट ऑक्सीजन देने की जरूरत पड़ी.

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7 दिनों के भीतर आ गई कोरोना रिपोर्ट निगेटिव

वीराफिन एक एंटीवायरल ड्रग है जिसे सावधानीपूर्वक एडमिनिस्टर किया गया है. इस दवा को कोरोना मरीजों को शुरुआती स्टेज में दिया गया और मॉडेरेट केसेज में महत्वपूर्ण क्लीनिकल और वॉयरोलॉजिकल सुधार दिखा. दवा कंपनी के मुताबिक जिन कोरोना संक्रमितों का इलाज वीराफिन के जरिए किया गया, उनकी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट 7 दिनों के भीतर निगेटिव आ गई और ऐसा करीब 91 फीसदी मामलों में हुआ. दवा कंपनी के मुताबिक यह दवा सप्लीमेंटल ऑक्सीजन की जरूरत कम करने में भी सहायक हुई है.

दवा कंपनी ने जानकारी दी है कि पेगीलेटेड इंटरफेरोन अल्फा-2बी (पेगआईएफएन) वीराफिन सिर्फ चिकित्सकीय विशेषज्ञों द्वारा सुझाए गए प्रिस्क्रिप्शन पर ही उपलब्ध होगी और इसे इंस्टीट्यूशनल सेटअप्स या हॉस्पिटल के यूज के लिए बनाया गया है यानी कि यह दवाई अस्पतालों में उपलब्ध होगी.

लीवर की बीमारियों के लिए हुआ था अप्रूव

वीराफिन को मूल रूप से हेपेटाइटिस सी के चलते लीवर से जुड़ी बीमारियों के इलाज के लिए अप्रूव किया गया था और इसे 10 साल पहले लांच किया गया था. अब इस दवा का इस्तेमाल कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए किया जाएगा. दवा नियामक ने देश भर में कई सफल परीक्षणों के बाद इसे आपातकालीन मंजूरी दी है. कैडिला हेल्थकेयर के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ शर्विल पटेल ने कहा कि यह मंजूरी ऐसे समय में मिली है जब इसकी बहुत जरूरत है. बता दें कि इस समय देश भर में कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए रेमेडेसिविर की बहुत किल्लत बनी हुई है और दिन पर दिन कोरोना केसेज बढ़ने के चलते स्वास्थ्य सिस्टम पर लोड बढ़ा हुआ है.