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COVID-19: ग्लोबल मंदी का फायदा उठाने में लगा चीन! सस्ती कीमतें देखकर बढ़ा रहा है तेल का भंडार

मौजूदा समय में जहां ज्यादातर देश कोरोना वायरस महामारी से लड़ रहे हैं, चीन इस मौके का भी फायदा उठाने में जुटा है.

मौजूदा समय में जहां ज्यादातर देश कोरोना वायरस महामारी से लड़ रहे हैं, चीन इस मौके का भी फायदा उठाने में जुटा है.

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FE Online
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कोरोना वायरस महामारी ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है. मौजूदा समय में जहां सभी देश इस महामारी से लड़ रहे हैं, चीन इस मौके का भी फायदा उठाने में जुटा है. फिलहाल अभी चीन की नजर सस्ते हो चुके कच्चे तेल यानी क्रूड पर है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक मार्च में चीन का क्रूड इंपोर्ट करीब 12 फीसदी बढ़कर 43.91 मिलिसन टन पहुंच गया है. इन दिनों चीन में खुद कोरोना वायरस के चलते सुस्ती है और रिफाइनिंग एक्विविटी पहले से बहुत कम हो गई है. उसके बाद भी चीन ने क्रूड का इंपोर्ट बढ़ाया है. बता दें कि कोविड 19 के चलते मांग में कमी और पिछले दिनों ओपेक देशों और रूस के बीच प्राइस वार छिड़ने से क्रूड में भारी गिरावट आई है.

इंपोर्ट में 11.7 फीसदी उछाल

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रॉयटर्स के मुताबिक मार्च महीने में चीन के क्रूड इंपोर्ट में 11.7 फीसदी का उछाल आया है. जनरल एडमिनिस्ट्रेशन आफ कस्टम के डाटा के आधार पर रॉयटर्स ने जो कैलकुलेशन किया है, उसके मुताबिक टॉप क्रूड इंपोर्टर चीन ने मार्च में 43.91 मिलियन टन क्रूड का इंपोर्ट किया है. यह एक तरह से 10.34 मिलिसन बैरल प्रति दिन हुआ. क्रूड डिमांड में भारी कमी आने के बाद भी यह इंपोर्ट दिखा रहा है कि चीन अपने देश में सस्ती कीमतों का फायदा उठाकर भंडार बढ़ाने में लगा है.

मार्च तिमाही में 130 मिलियन टन हुआ इंपोर्ट

चीन ने मार्च तिमाही में कुल 130 मिलियन टन क्रूड का इंपोर्ट किया है. यह सालाना आधार पर 5 फीसदी ज्यादा है. रिपोर्ट के अनुसार चीन में कोविड 19 का असर इस साल के पहले महीने से ही शुरू हो गया था. ऐसे में सरकारी और निजी प्लांट में क्रूड की डिमांड गेहद कम रही. नेशनवाइज लॉकडाउन के चलते यह डिमांड लगातार कम होती गई. हालांकि अभी वहां इंडस्ट्री खुलनी शुरू हो गई हैं, बिजनेस एक्विविटी भी धीरे धीरे बढ़ रही है.

क्रूड की कीमतों में भारी गिरावट

कोरोना वायरस महामारी के कारण दुनियाभर में लॉकडाउन के कारण कच्चे तेल की मांग में भारी गिरावट आई है. वहीं पिछले दिनों सऊदी अरब और रूस के बीच प्राइस वार की वजह क्रूड की कीमतें 18 साल के निछले स्तर पर चली गईं थीं. क्रूड इस साल अबत तक करीब 49 फीसदी सस्ता हो चुका है. जबकि एक साल में इसके भाव 50 फीसदी से ज्यादा नीचे आए हैं.

Brent Crude