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Apple MacBook Case: जान-बूझकर बेचा खराब क्वालिटी का डिस्प्ले! जज ने केस जारी रखने की दी मंजूरी; यह है पूरा मामला

Apple MacBook Case: अपने ब्रांड क्वालिटी और भरोसे के लिए जानी जाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी पब्लिक ट्रेडेड कंपनी Apple के खिलाफ जान-बूझकर डिफेक्टिव MacBook डिस्प्ले बेचने का मामला सामने आया है.

Apple MacBook Case: अपने ब्रांड क्वालिटी और भरोसे के लिए जानी जाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी पब्लिक ट्रेडेड कंपनी Apple के खिलाफ जान-बूझकर डिफेक्टिव MacBook डिस्प्ले बेचने का मामला सामने आया है.

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FE Online
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Apple knowingly sold defective MacBook displays rules judge and allowed the flexgate lawsuit to proceed

सुनवाई के दौरान जज ने कहा कि दिग्गज कंपनी एप्पल ने जानकारी होते हुए भी 2016 MacBook को डिफेक्टिव डिस्प्ले केबल्स के साथ बिक्री की.

Apple MacBook Case: अपने ब्रांड क्वालिटी और भरोसे के लिए जानी जाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी पब्लिक ट्रेडेड कंपनी Apple के खिलाफ जान-बूझकर डिफेक्टिव MacBook डिस्प्ले बेचने का मामला सामने आया है. कैलिफोर्निया डिस्ट्रिक्ट कोर्ट जज ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि दिग्गज कंपनी एप्पल ने जानकारी होते हुए भी 2016 MacBook को डिफेक्टिव डिस्प्ले केबल्स के साथ बिक्री की. एप्पल के खिलाफ यह एक क्लास-एक्शन मुकदमा है और इससे पहले भी कंपनी की बटरफ्लाई कीबोर्ड के मामले में एप्पल के खिलाफ क्लास-एक्शन मुकदमा चल रहा है. क्लास-एक्शन मुकदमा ऐसे केसेज होते हैं जिसमें कई लोगों का एक समूह किसी कंपनी के उत्पाद से समान प्रकार से बुरी तरह प्रभावित होकर ग्रुप के तौर पर कंपनी के खिलाफ केस करते हैं. डिस्प्ले मामले में कंपनी ने एप्पल के खिलाफ फ्लेक्सगेट मुकदमा जारी रखने की मंजूरी दे दी है.

अपने फैसले में जज ने लिखा कि प्रॉडक्ट लांच होने के पहले उसकी टेस्टिंग डेटा और कई ग्राहकों द्वारा लांचिंग के बाद प्रॉडक्ट को लेकर शिकायतें आने से यह साबित होता है कि एप्पल को डिफेक्ट को लेकर जानकारी थी.

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यह है पूरा मामला

जिस प्रॉडक्ट को लेकर एप्पल के खिलाफ कार्रवाई चल रही है, उसमें दिक्कत यह है कि निचली स्क्रीन पर खराब केबल के चलते गहरे रंग के धब्बे बन रहे. इसे फ्लेक्सगेट कंट्रोवर्सी कहा गया. यह इशू मैकप्रो मॉडल्स में आ रहा है. इस मामले में कंपनी को एक और विवाद का सामना करना पड़ रहा है कि जब 2018 के अंत तक यह समस्या सामने आया तो कंपनी ने चुपके से नए मैकबुक में नया केबल लगा दिया. हालांकि कंपनी ने डिफेक्टिव प्रॉडक्ट के लिए मुफ्त में रिपेयरिंग शुरू की. इस मामले को लेकर 15 हजार से अधिक यूजर्स ने एक पेटीशन साइन किया और इसे आगे बढ़ाया.

एक दिन पहले ही 45 साल का हुआ Apple

Steve Jobs, Steve Wozniak और Ronald Wayne ने मिलकर 1 अप्रैल 1976 को एप्पल की स्थापना की थी और एक दिन पहले इसके 45 वर्ष पूरे हुए. इस मौके पर कंपनी के सीईओ टिम कुक ने ट्वीट में कंपनी के सभी कर्मियों को धन्यवाद करते हुए अगले 45 वर्ष के लिए शुभकामनाएं दीं. कंपनी ने सिर्फ मैक कंप्यूटर्स से शुरुआत की थी लेकिन अब आईफोन, आईपैड और मैक के जरिए वह इंडस्ट्री लीडर बनी हुई है. नवंबर 2020 में कंपनी का मार्केट वैल्यू 2 लाख करोड़ डॉलर के लेवल पर पहुंच गई थी और अब यह दुनिया की सबसे बडी पब्लिकली ट्रेडेड कंपनी है. खास बात यह है कि महज दो साल के भीतर एप्पल 1 लाख करोड़ डॉलर से बढ़कर 2 लाख करोड़ डॉलर की कंपनी बन गई.

अब एप्पल कंप्यूटर्स, लैपटॉप्स और आईफोन से भी आगे निकल चुकी है. कंपनी ने लंबे समय से अपनी चिप सहयोगी रही इंटेल को भी पछाड़ने की तरफ कदम बढ़ा दिया है और उसने खुद एम1 चिप विकसित कर नए मैक में पेश किया है. इसके अलावा कंपनी आईओएस14 ला रही है जिसमें सभी ऐप डेवलपर्स को यूजर्स का डेटा जुटाने या थर्ड पार्टी के साथ साझा करने के लिए स्पष्ट रूप से मंजूरी लेनी होगी.

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