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World Economy: शेयर बाजारों के लिए बुरी खबर, भारी अनिश्चितता की ओर बढ़ रही है ग्‍लोबल इकोनॉमी, क्‍या होगा असर?

IMF और वर्ल्‍ड बैंक इनफ्लेशन और अनस्‍टेबल करंसी के चलते अर्थव्‍यवस्‍थाओं में अनिश्चितता की बात कह रहे हैं. इससे ग्‍लोबल मार्केट पर निगेटिव असर होगा.

IMF और वर्ल्‍ड बैंक इनफ्लेशन और अनस्‍टेबल करंसी के चलते अर्थव्‍यवस्‍थाओं में अनिश्चितता की बात कह रहे हैं. इससे ग्‍लोबल मार्केट पर निगेटिव असर होगा.

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Sushil Tripathi
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World Economy: शेयर बाजारों के लिए बुरी खबर, भारी अनिश्चितता की ओर बढ़ रही है ग्‍लोबल इकोनॉमी, क्‍या होगा असर?

IMF का कहना है कि ग्‍लोबल इकोनॉमी एक भारी अनिश्चितता की ओर बढ़ रही है.

Global Economy Outlook: पहले कोविड 19 और अब महंगाई, रेट हाइक, महंगे क्रूड और जियो पॉलिटिकल टेंशन जैसे फैक्‍टर्स के चलते दुनियाभर की अर्थव्‍यवस्‍थाओं पर दबाव देखने को मिल रहा है. जिसका असर सीधे सीधे कैपिटल मार्केट पर है. ग्‍लोबल शेयर बाजारों में लंबे समय से अनिश्चितता बनी हुई है. इस बीच बाजारों के लिए एक और बुरी खबर आई है. IMF का कहना है कि ग्‍लोबल इकोनॉमी एक भारी अनिश्चितता की ओर बढ़ रही है. ज्‍यादातर देशों की अर्थव्‍यवस्‍था को इस साल और अगले साल कम से कम 2 तिमाही दबाव का सामना करना पड़ेगा.

IMF प्रमुख क्रिस्टलीना जॉर्जिवा ने चेतावनी देते हुए कहा कि ग्‍लोबल इकोनॉमी अनिश्चितता की ओर बढ़ रही है. ग्‍लोबल इकोनॉमी के एक तिहाई देशों को इस साल या अगले साल कम से कम 2 तिमाहियों में दबाव का सामना करना पड़ेगा.

शेयर बाजारों में गिरावट की आशंका

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IIFL, VP-रिसर्च, अनुज गुप्‍ता का कहना है कि IMF और वर्ल्‍ड बैंक हायर इनफ्लेशन और अनस्‍टेबल करंसी के चलते अर्थव्‍यवस्‍थाओं में अनिश्चितता की बात कह रहे हैं. दुनियाभर की रेटिंग एजेंसियां भी ग्रोथ अनुमान को घटा रही है. इससे ग्‍लोबल मार्केट पर निगेटिव असर होगा. शॉर्ट टर्म में बाजारों में करेक्‍शन बढ़ सकता है. हालांकि यूनाइटेड नेशन और केंद्रीय बैंकों की चर्चा ब्याज दरों में आक्रामक बढ़ोतरी रोकने को लेकर चल रही है. अगर केंद्रीय बैंक इसके लिए राजी हुए तो शेयर बाजारों में गिरावट पर अंकुश लग सकता है. लेकिन ऐसा नहीं हुआ तो बाजार को एक और बड़े करेक्‍शन का सामना करना पड़ सकता है.

ग्‍लोबल ग्रोथ अनुमान में कटौती

IMF और वर्ल्‍ड बैंक की एनुअल मीटिंग से पहले IMF की प्रबंध निदेशक जॉर्जिवा ने कहा कि अगले हफ्ते जारी होने वाले वर्ल्‍ड इकोनॉकि आउटलुक में ग्‍लोबल ग्रोथ अनुमानों को और घटाया जाएगा. उन्होंने कहा कि हमने अपने ग्रोथ अनुमानों को पहले ही 3 बार घटाकर 2022 के लिए 3.2 फीसदी और 2023 के लिए 2.9 फीसदी कर दिया है. हम मंदी के जोखिम की ओर बढ़ रहे हैं. हमारा अनुमान है कि विश्व अर्थव्यवस्था के लगभग एक-तिहाई देश इस साल या अगले साल कम से कम लगातार 2 तिमाहियों में दबाव का सामना करेंगे.

जर्मनी की अर्थव्यवस्था के बराबर नुकसान

जार्जिवा ने कहा कि कुल मिलाकर, हमारा अनुमान है कि इस समय से लेकर 2026 के बीच ग्‍लोबल आउटपुट में लगभग 4 लाख करोड़ डॉलर का नुकसान होगा. यह नुकसान जर्मनी की अर्थव्यवस्था के बराबर है और इस तरह यह विश्व अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा झटका होगा. उन्होंने कहा कि हालात इससे अधिक बुरे भी हो सकते हैं. चीजों के बेहतर होने के पहले और खराब होने की आशंका अधिक दिख रही है.

ग्‍लोबल इकोनॉमी में 4 लाख करोड़ डॉलर तक गिरावट

इससे पहले IMF ने कैलेंडर वर्ष 2023 में ग्‍लोबल इकोनॉमिक ग्रोथ के लिए अपने पूर्वानुमान को एक बार फिर घटाते हुए कहा था कि 2026 तक ग्‍लोबल इकोनॉमी में 4 लाख करोड़ डॉलर तक की गिरावट आ सकती है. यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद ग्‍लोबल इकोनॉमी को लेकर IMF का आउटलुक प्रभावित हुआ है. उन्होंने कहा कि दुनिया के कई देशों में इस युद्ध के बड़े प्रभावों को पहले से ही देखा जा रहा है.

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