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बांग्लादेश ने किसी सूचना के बिना प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के भारत के फैसले पर आधिकारिक रूप से अपनी ‘‘गहरी चिंता’’ जताई है. भारत सरकार ने सोमवार को घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए प्याज की सभी किस्मों के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया था. बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने ढाका स्थित भारत के उच्चायोग के माध्यम से भेजे पत्र में कहा, ‘‘14 सितंबर 2020 को भारत सरकार द्वारा अचानक की गई घोषणा से इस संबंध में दो मित्र देशों के बीच 2019 और 2020 में हुई चर्चाओं और इस दौरान बनी आपसी समझ को कमजोर किया गया है.’’
बांग्लादेश की मीडिया को यह पत्र बुधवार की देर शाम उपलब्ध कराया गया. पत्र में प्याज के निर्यात को फिर से शुरू करने के लिए आवश्यक उपाय करने का अनुरोध किया गया है. पत्र में कहा गया है कि भारत के अचानक इस संबंध में घोषणा करने से बांग्लादेश के बाजार में आवश्यक खाद्य पदार्थों की आपूर्ति प्रभावित होगी.
पत्र के मुताबिक, ढाका में 15-16 जनवरी, 2020 को हुई दोनों देशों के वाणिज्य मंत्रालयों की एक सचिव-स्तरीय बैठक में बांग्लादेश ने भारत से आवश्यक खाद्य वस्तुओं के निर्यात प्रतिबंध नहीं लगाने का अनुरोध किया गया था. बांग्लादेश ने इस तरह के प्रतिबंध जरूरी होने पर भारत को समय से पहले उसे सूचित करने का अनुरोध भी किया है. इस मामले को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अक्टूबर 2019 में भारत की यात्रा के दौरान भी उठाया था.
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एक बांग्लादेशी प्याज आयातक ने बताया, ‘‘अचानक लगाए गए प्रतिबंध से हमारी कई परेशानियां बढ़ गई हैं. भारत हमें प्याज का निर्यात करने वाला सबसे बड़ा देश है. एक ही दिन में प्याज की खुदरा कीमत 50 टका से बढ़कर 70 टका हो गई है. इसके आगे और बढ़ने की आशंका है.’’
महाराष्ट्र के शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि केंद्र के इस फैसले से निर्यात के लिए जाने वाला चार लाख टन प्याज मुंबई के जवाहर लाल नेहरू बंदरगाह पर अटक गया है. जबकि राज्य के प्याज लदे 500 से अधिक ट्रक नेपाल और बांग्लादेश सीमा पर अटके हैं.
महाराष्ट्र सरकार भी विरोध में
केंद्र सरकार के प्याज निर्यात पर पूरी तरह रोक लगाने को लेकर महाराष्ट्र में विरोध जताया गया. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने निर्यात पर पाबंदी हटाने को लेकर केंद्र को पत्र लिखने की बात कही है. वहीं महाराष्ट्र सरकार में सहयोगी कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने केंद्र के इस कदम को ‘किसान-विरोधी’ ‘महापाप’ और ‘अन्याय’ भरा कदम बताया. महाराष्ट्र मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक आधिकारिक बयान में बुधवार को कहा, ‘‘ राज्य के मंत्रियों द्वारा केंद्र सरकार के प्याज निर्यात पर रोक लगाने को लेकर रोष जताने के बाद मुख्यमंत्री ठाकरे ने मंत्रिमंडल की बैठक में इसे लेकर केंद्र सरकार को पत्र लिखने की बात कही.’’
राज्य की गठबंधन सरकार में सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता राज्य के उप-मुख्यमंत्री अजीत पवार ने केंद्र के इस निर्णय को किसान-विरोधी और उन पर दबाव बढ़ाने वाला ‘महापाप’ बताया. महाराष्ट्र प्याज का एक प्रमुख उत्पादक राज्य है. केंद्र सरकार के इस फैसले से यहां के किसान बड़े स्तर पर प्रभावित होंगे. राज्य के प्रधान सचिव अनूप कुमार ने मंत्रिमंडल को सूचित किया कि 2018-19 में राज्य से 21.83 लाख टन प्याज का निर्यात किया गया. जबकि 2019-20 में यह आंकड़ा 18.50 लाख टन रहा.