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कोरोना के चलते दुनिया भर में ऑनलाइन एजुकेशन तेजी से बढ़ रहा है. (File Photo)
कोरोना के चलते दुनिया भर में ऑनलाइन एजुकेशन तेजी से बढ़ रहा है. कई बड़ी कंपनियां भी इस कारोबार में आ रही हैं. हालांकि कई ऐसे ऑनलाइन एजुकेशन प्लेटफॉर्म हैं जो लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए गलत तरीके अपना रही हैं. इसी के चलते चीन सरकार ने प्रतियोगिता और प्राइसिंग लॉ का उल्लंघन करने के मामले में तेजी से बढ़ रहे दो ट्यूटरिंग ऐप्स के खिलाफ अधिकतम जुर्माना लगाया है. चीनी नियामक ने टेनसेंट होल्डिंग की Yuanfudao और अलीबाबा ग्रुप होल्डिंग की फंडिंग वाली Zuoyebang के ऊपर 25-25 लाख युआन (2.85 करोड़ रुपये) का जुर्माना लगाया है. इन्हें अपने टीचिंग स्टॉफ के क्लालिफिकेशन को लेकर गलत जानकारी देने और फर्जी यूजर रिव्यू देने के चलते एंटीट्रस्ट वॉचडॉग ने यह जुर्माना लगाया है. दोनों ऐप्स ने जुर्माने के स्वीकारते हुए इसे दुरुस्त करने की बात कही है.
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पिछले महीने चार कंपनियों पर लगा था जुर्माना
महामारी के चलते प्राइवेट एजुकेशन सेक्टर तेजी से बढ़ा है जिसके चलते चीनी नियामक ने इसकी स्क्रूटनी तेज कर दी है. पिछले महीने ही चीनी नियामक ने GSX Techedu Inc. और TAL Education Group unitसमेत चार प्राइवेट एजुकेशन प्रोवाइडर्स पर जुर्माना लगाया था. इन पर प्राइसिंग वॉयलेशंस का आरोप लगाया गया था. चीनी नियामक द्वारा जारी बयान के मुताबिक ऑफ्टर-स्कूल एजुकेशनल ग्रुप्स पर निगरानी कड़ी की जाएगी. इसके अलावा गैरकानूनी गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी. इसी के तहत टेनसेंट और अलीबाबा के दो ट्यूटिंग ऐप्स के खिलाफ चीनी नियामक ने भारी जुर्माना लगाया है.
आफ्टर स्कूल स्टडी प्रोग्राम पर लिमिट
चीन के शिक्षा मंत्री ने आफ्टर स्कूल स्टडी प्रोग्राम पर लिमिट की वकालत करते हुए एक बयान जारी किया कि यह इसलिए जरूरी है कि इससे स्टूडेंट्स को पर्याप्त नींद सुनिश्चित किया जा सकता है. आफ्टर स्कूल स्टडी प्रोग्राम का मतलब ऐसी एक्टिविटीज से है जो स्कूल के घंटे के बाद किया जाता है जैसे कि ट्यूशन. चीन के एक एनालिस्ट के मुताबिक आफ्टर स्कूल स्टडी देने वाले संस्थानों पर नियामकीय निगरानी बनी रहेगी.