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कोरोना रोक देगा दुनिया की रफ्तार! ग्लोबल GDP में आ सकती है 1% की गिरावट

WHO ने इस वायरस के संक्रमण को 30 जनवरी को ग्लोबल मेडिकल इमरजेंसी घोषित किया है.

WHO ने इस वायरस के संक्रमण को 30 जनवरी को ग्लोबल मेडिकल इमरजेंसी घोषित किया है.

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big tension Coronavirus may drag global GDP by 1 percentage point if containment delayed beyond June says a Report

WHO ने इस वायरस के संक्रमण को 30 जनवरी को ग्लोबल मेडिकल इमरजेंसी घोषित किया है. (Image: AFP)

big tension Coronavirus may drag global GDP by 1 percentage point if containment delayed beyond June says a Report WHO ने इस वायरस के संक्रमण को 30 जनवरी को ग्लोबल मेडिकल इमरजेंसी घोषित किया है. (Image: AFP)

Coronavirus Impact on Global GDP: चीन से शुरू हुए कोरोना वायरस के संक्रमण का असर जून के बाद भी बना रहा तो ग्लोबल जीडीपी ग्रोथ करीब एक फीसदी नीचे आ सकती है. डन एंड ब्रॉडस्ट्रीट की एक रिपोर्ट के अनुसार कोरोना वायरस के संक्रमण का चीन की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर दिखने लगा है. इसका दुष्प्रभाव ग्लोबल कंपनियों पर बढ़ता जाएगा. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस वायरस के संक्रमण को 30 जनवरी को ग्लोबल मेडिकल इमरजेंसी घोषित किया है.

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पीटीआई के अनुसार, रिपोर्ट में कहा गया कि चीन में कारोबारी गतिविधियों में जनवरी के अंत में नववर्ष के अवकाश के कारण नरमी आना सामान्य है. इस कारण ग्लोबल कंपनियां पहले ही स्टॉक बढ़ा लेती हैं. अत: कोरोना वायरस के कारण सप्लाई व आपरेशन बाधित होने का अभी तक खास असर देखने को नहीं मिला है. हालांकि ग्लोबल कंपनियों पर इस संक्रमण का असर इस बात पर निर्भर करेगा कि कितनी जल्दी इसे काबू किया जाता है.

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ग्लोबल GDP में चीन का योगदान कई गुना बढ़ा

डन एंड ब्रॉडस्ट्रीट ने कहा कि ग्लोबल इकोनॉमी में चीन का योगदान कई गुना बढ़ा है. उसने कहा कि चीन में करीब 2.2 करोड़ कंपनियां अर्थात चीन की आर्थिक गतिविधियों का 90 फीसदी उन क्षेत्रों में ही स्थित है, जहां वायरस के संक्रमण का अधिक असर है.

रिपोर्ट के अनुसार, चीन की अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाला असर धीरे-धीरे फैलकर वैश्विक स्तर पर असर दिखाने लगेगा और यदि संक्रमण जून के बाद भी बना रहा तो इसके कारण ग्लोबल जीडीपी ग्रोथ रेट में करीब एक प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है.

आंकड़ों के अनुसार, करीब 220 भारतीय कंपनियों का चीन में करीब 350 कंपनियों के साथ लीगल लिंकेज है. इन 220 भारतीय कंपनियों में से 58 फीसदी मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर, 40 फीसदी सर्विसेज सेक्टर और शेष 2 फीसदी कंस्ट्रक्शन सेक्टर से जुड़ी हुई हैं.