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बर्कशायर हैथवे के उत्तराधिकारी की रेस में ये दो नाम सबसे आगे, वॉरेन बफे ने दिया नया संकेत

अरबपति वॉरेन बफे ने अपनी कंपनी बर्कशायर हैथवे के लिए उत्तराधिकारी को लेकर क्लू दिया है. हालांकि उन्होंने इस रेस के विजेता को लेकर पूरा खुलासा नहीं किया है.

अरबपति वॉरेन बफे ने अपनी कंपनी बर्कशायर हैथवे के लिए उत्तराधिकारी को लेकर क्लू दिया है. हालांकि उन्होंने इस रेस के विजेता को लेकर पूरा खुलासा नहीं किया है.

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AFP
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Billionaire Warren Buffett gives new hint about his successor

Image: Reuters

Billionaire Warren Buffett gives new hint about his successor Image: Reuters

अरबपति वॉरेन बफे (Warren Buffett) ने अपनी कंपनी बर्कशायर हैथवे के लिए उत्तराधिकारी को लेकर क्लू दिया है. हालांकि उन्होंने इस रेस के विजेता को लेकर पूरा खुलासा नहीं किया है. बफे ने अपनी कंपनी के शेयरधारकों के साथ शनिवार को हुई सालाना मीटिंग में संकेत दिया कि 57 वर्षीय ग्रेगरी एबल और 67 वर्षीय अजीत जैन निकट भविष्य में उन्हें और लंबे वक्त से उनके बिजनेस पार्टनर चार्ली मुंगेर को जॉइन करेंगे.

एबल ओर जैन को पिछले साल कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में शामिल किया गया है. हालांकि उन्होंने इस बारे में स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं कहा. यह भी साफ नहीं है कि एबल और जैन ज्वॉइंट में बर्कशायर एंपायर संभालेंगे या उनमें से कोई एक. बफे और मुंगेर शेयरहोल्डर्स के सवालों का जवाब दे रहे थे.

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बफे ने कहा कि ग्रेग और अजीत से बेहतर ऑपरेटिंग मैनेजर नहीं हो सकते थे. उन्होंने जो किया है, वह बेहतरीन है. इस शेयरहोल्डर मीट की एक खास बात यह भी रही कि इस बार जैन ने भी एक शेयरहोल्डर के सवाल का जवाब दिया. वर्ना दशकों से इस मीटिंग के सितारे केवल बफे और मुंगेर ही होते थे और वही सवालों के जवाब देते थे.

ग्रेग और अजीत के बारे में

ग्रेग एबल ने बर्कशायर हैथवे की एनर्जी डिवीजन को 1992 में जॉइन किया था. वहीं अजीत जैन कंपनी की इंश्योरेंस डिवीजन में 1986 में शामिल हुए थे.

नए युग की शुरुआत होगी बफे का जाना

बफे का कंपनी से जाना बर्कशायर के लिए एक नए युग की शुरुआत होगी. कुछ एनालिस्ट का मानना है कि बफे की गैरमौजूदगी वाली ब​र्कशायर कई कंपनियों में टूट सकती है.

टेक में भारी निवेश की स्ट्रेटेजी नहीं

मीटिंग में बफे और चार्ली से अमेजॉन में शेयर खरीदने को लेकर भी सवाल पूछे गए. उनके जवाब में उन्होंने कहा कि इस कदम से यह नहीं समझा जाना चाहिए कि बर्कशायर टेक में भारी-भरकम निवेश पर शिफ्ट होने वाली है.