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Crude Oil: क्रूड फिर 100 डॉलर के जाएगा पार! इन 5 वजहों से आने वाली है तेजी, क्‍या पेट्रोल और डीजल भी होंगे महंगे

OPEC Crude Production: OPEC द्वारा क्रूड का उत्पादन अभी भी लक्ष्य की तुलना में प्रति दिन लगभग 30 लाख बैरल कम है.

OPEC Crude Production: OPEC द्वारा क्रूड का उत्पादन अभी भी लक्ष्य की तुलना में प्रति दिन लगभग 30 लाख बैरल कम है.

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Sushil Tripathi
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Crude Oil: क्रूड फिर 100 डॉलर के जाएगा पार! इन 5 वजहों से आने वाली है तेजी, क्‍या पेट्रोल और डीजल भी होंगे महंगे

Crude Outlook: सर्दियों के मौसम की शुरुआत में क्रूड की कीमतों को सपोर्ट मिलने की उम्‍मीद है.

Crude Prices Outlook: अगर आप पेट्रोल और डीजल के सस्‍ते होने का इंतजार कर रहे हैं तो आपका इंतजार लंबा हो सकता है. असल में परिस्थितियां ऐसी बन रही है कि आने वाले कुछ दिनों में क्रूड में फिर तेजी आनी शुरू हो सकती है. कच्‍चा तेल 100 डॉलर प्रति बैरल की ओर बढ़ सकता है. ब्रोकरेज हाउस एमके ग्‍लोबल का मानना है कि क्रूड में अगले 7 से 10 दिनों में तेजी आ सकती है. क्रूड अभी 92 डॉलर प्रति बैरल के करीब है. ऐसे में घरेलू लेवल पर तेल की कीमतों में राहत के लिए इंतजार बढ़ेगा.

ब्रेंट क्रूड में तेजी आने की बड़ी वजह

ब्रोकरेज हाउस का कहना है कि कच्चे तेल की कीमतें पिछले 1 साल से 65-120 डॉलर प्रति बैरल के दायरे में कारोबार कर रही हैं. हालांकि अभी इसकी कीमतें जून 2022 के महीने में देखे गए हाई लेवल से काफी नीचे आ गई हैं. इसाल के हाई 139 डॉलर के मुकाबले यह 92 डॉलर के आस पास है. लेकिन इसमें अब तेजी आने का अनुमान है, जिसके पीछे 3 प्रमुख वजह है.

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1) सर्दियों के मौसम की शुरुआत में क्रूड की कीमतों को सपोर्ट मिलने की उम्‍मीद है. क्‍योंकि हीटिंग उपकरणों के लिए ईंधन के अधिक खपत की आवश्यकता होगी.
2) अगले 2 महीनों में छुट्टियों का मौसम होने जा रहा है और यही वह समय है जब ज्यादातर लोग सैर सपाटे के लिए निकलेंगे. जिससे एनर्जी की डिमांड बढ़ेगी. वैसे भी अब कई देशों में क्रूड का प्रभाव कम या खत्‍म हुआ है. ऐसे में टूरिज्‍म सेक्‍टर से क्रूड का बूस्‍ट मिलेगा.
3) कीमतों को प्रभावित करने वाला सबसे महत्वपूर्ण फैक्‍टर रूस से तेल की सप्‍लाई है जो इस साल दिसंबर तक लगभग 50 फीसदी कम हो सकती है. यह यूरोपीय देशों द्वारा रूसी तेल की कीमत की प्रस्तावित कैपिंग पर असहमति के कारण है.

4) रूस से खरीद घट सकती है

इसी समय, यह रिपोर्ट आ रही है कि भारत सहित कुछ देशों द्वारा रूस से तेल की खरीद को हाई फ्रेट के चलते रोक दिया जा सकता है. यह करीब 7-8 डॉलर प्रति बैरल की सीमा में है, जो इसे मिडिल ईस्‍ट से सप्‍लाई की तुलना में अधिक महंगा बनाता है. ऐसी संभावना है कि रूस से सप्‍लाई लगभग 2.50 मिलियन बैरल प्रति दिन हो सकती ह. ।

5) OPEC का उत्पादन लक्ष्‍य से कम

सप्‍लाई से संबंधित एक और फैक्‍ट यह है कि OPEC द्वारा उत्पादन अभी भी लक्ष्य की तुलना में प्रति दिन लगभग 30 लाख बैरल कम है. इस कमी को अमेरिका के स्ट्रैटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व (SPR) से साप्ताहिक आधार पर सप्‍लाई से पूरा किया गया है. पिछले कुछ हफ्तों में, कमर्शियल इस्‍तेमाल के लिए SPR से 70 लाख बैरल रीलीज हुआ है. SPR स्तर हाल फिल‍हाल में सबसे लो लेवल पर है. फिलहाल डॉलर इंडेक्स की मजबूती के बावजूद, तेल की कीमतें मुख्य रूप से सप्‍लाई से जुड़े फैक्‍टर्स की वजह से बढ़ने की उम्‍मीद है.

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