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Canada Election Result: जस्टिन ट्रूडो तीसरी बार बनेंगे कनाडा के प्रधानमंत्री, लेकिन बहुमत से इस बार भी चूके

49 साल के जस्टिन ट्रूडो का लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनना तय माना जा रहा है, लेकिन वक्त से दो साल पहले चुनाव कराने का दांव भी उन्हें साफ बहुमत नहीं दिला सका.

49 साल के जस्टिन ट्रूडो का लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनना तय माना जा रहा है, लेकिन वक्त से दो साल पहले चुनाव कराने का दांव भी उन्हें साफ बहुमत नहीं दिला सका.

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Canada Election Result: जस्टिन ट्रूडो तीसरी बार बनेंगे कनाडा के प्रधानमंत्री, लेकिन बहुमत से इस बार भी चूके

कनाडा में 49 साल के लिबरल नेता जस्टिन ट्रूडो का लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनना तय हो गया है. (Photo: Reuters)

Canadian Prime Minister Justin Trudeau wins third term: कनाडा के लिबरल नेता प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक बार फिर से चुनावी जीत हासिल कर ली है. लेकिन इस बार भी वे बहुमत से दो कदम दूर रह गए हैं. लेकिन प्रमुख विपक्षी दल कंजर्वेटिव पार्टी के हार स्वीकार कर लेने के बाद 49 साल के करिश्माई नेता जस्टिन ट्रूडो का लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनना तय माना जा रहा है. चुनावी नतीजे सामने आने के बाद जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि कनाडा की जनता ने उनके दल के पक्ष में साफ जनादेश दिया है. उन्होंने देश के लोगों को संबोधित करते हुए कहा, "आपने हमें दोबारा काम करने के लिए स्पष्ट जनादेश दिया है."

पहली बार 2015 में प्रधानमंत्री बने ट्रूडो

49 साल के जस्टिन ट्रूडो कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री और लिबरल नेता पियरे ट्रूडो के बेटे हैं. जस्टिन ट्रूडो पहली बार 2015 में शानदार बहुमत के साथ कनाडा के प्रधानमंत्री बने थे. लेकिन 2019 के चुनाव में वे जीत के बावजूद बहुमत से दूर रह गए. कोरोना महामारी के दौरान कनाडा के प्रधानमंत्री और उनकी सरकार ने बेहतरीन काम किया. उनकी सरकार ने महामारी और उससे उपजे आर्थिक संकट से निपटने के लिए जीडीपी के 23 फीसदी के बराबर बजट खर्च किया. इतना ही नहीं, ट्रूडो दोबारा चुनकर आने के बाद इकॉनमी को और मजबूत करने लिए अरबों डॉलर की योजनाएं लागू करने का वादा भी कर चुके हैं.

कोरोना महामारी के दौरान अच्छा काम किया

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कोरोना महामारी के दौरान किए गए अपने इसी कामकाज की वजह से ट्रूडो को लगा कि वे अभी चुनाव करवा लें तो एक बार फिर से बहुमत हासिल करके अपना सियासी कद बढ़ा सकते हैं. यही वजह है कि उन्होंने अपनी सरकार के लिए कोई खतरा नहीं होने के बावजूद तय समय से दो साल पहले ही चुनाव कराने का एलान कर दिया. लेकिन 2023 की बजाय 2021 में ही चुनाव करा लेने का उनका ये दांव पूरी तरह सफल नहीं रहा. हालांकि उन्हें पिछली बार के मुकाबले कुछ सीटें अधिक मिलीं, लेकिन बहुमत का आंकड़ा अब भी दूर ही है. विश्लेषकों का कहना है कि ट्रूडो के कामकाज से संतुष्ट होने के बावजूद उनकी सीटों में भारी इजाफा इसलिए नहीं हुआ, क्योंकि बहुत से लोगों को महामारी के दौर में जल्दी चुनाव कराने का उनका फैसला सही नहीं लगा.

कंजर्वेटिव पार्टी ने हार मानी

बहरहाल, कनाडा में चुनाव कराने वाल संस्था इलेक्शन कनाडा के मुताबिक ट्रूडो की लिबरल पार्टी को 158 सीटों पर जीत हासिल हुई है, जो 338 सीटों वाले हाउस ऑफ कॉमन्स में बहुमत के लिए जरूरी 170 सीटों से 12 कम है. फिर भी ट्रूडो के लिए राहत की बात यह है कि मुख्य विरोधी दल कंजर्वेटिव पार्टी ने महज 119 सीटों पर जीत मिलने के बाद अपनी हार स्वीकार कर ली है.

कंजर्वेटिव पार्टी के नेता एरिन ओ टूले ने नतीजों का औपचारिक एलान होने से पहले ही हार स्वीकार करते हुए कहा कि देश भर में हमारे लिए वोट और समर्थन बढ़ा है, लेकिन नतीजों से साफ है कि हमें कनाडा के नागरिकों का विश्वास जीतने के लिए अभी और काम करना होगा.

अल्पमत के बावजूद सरकार चलाने में दिक्कत नहीं होगी

जानकारों के मुताबिक अल्पमत में होने के बावजूद ट्रूडो की लिबरल पार्टी को लेफ्ट की तरफ झुकाव रखने वाले न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी जैसे दलों से नीतियों के आधार पर समर्थन मिलने की उम्मीद है. ट्रूडो की पिछली सरकार भी अल्पमत में होने के बावजूद बिना की संकट के काम करती रही है, जिसे देखते हुए भविष्य में भी उन्हें सरकार चलाने में कोई दिक्कत नहीं होने की उम्मीद की जा रही है.

Justin Trudeau