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The ministers also decided to convene at least once a year to provide guidance to the implementation of the SCRI as well as to consult on ways to develop the initiative.
China's Economic Growth Rate: 2021 की पहली तिमाही के दौरान चीन की जीडीपी बढ़कर 24.93 ट्रिलियन युआन यानी करीब 3.83 ट्रिलियन डॉलर तक जा पहुंची है. 2020 की पहली तिमाही के मुकाबले यह करीब 18.3 फीसदी अधिक है, जो चीन के इतिहास में किसी भी तिमाही के दौरान दर्ज की गई सबसे बड़ी ग्रोथ रेट है. हालांकि 18.3 फीसदी बढ़ोतरी के इस आंकड़े में पिछले साल की पहली तिमाही के लो बेस का बड़ा हाथ है.
2020 की पहली तिमाही में 6.8 फीसदी गिरी थी चीन की जीडीपी
चीन की जीडीपी में बढ़ोतरी का तिमाही आंकड़ा इतना अधिक इसलिए दिख रहा है, क्योंकि 2020 की पहली तिमाही के दौरान चीन की अर्थव्यवस्था में कोरोना महामारी के चलते 6.8 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी. साल 2020 की अंतिम तिमाही से तुलना करें तो 2021 की पहली तिमाही की जीडीपी सिर्फ 0.6 फीसदी ही बढ़ी है. 2020 की अंतिम तिमाही में चीन की जीडीपी, 2019 की अंतिम तिमाही के मुकाबले 6.5 फीसदी बढ़ी थी. जबकि 2020 की सालाना विकास दर 2.3 फीसदी रही है.
चीन कोरोना काल में पॉजिटिव ग्रोथ रेट दर्ज करने वाला इकलौता बड़ा देश
2020 में चीन की ग्रोथ रेट उसकी पिछली विकास दरों के मुकाबले भले ही कम रही हो, लेकिन कोरोना काल में पॉजिटिव विकास दर हासिल करने वाला चीन दुनिया का इकलौता बड़ा देश रहा है. इसकी बड़ी वजह यह है कि चीन ने महामारी पर जल्दी काबू पाकर अपनी अर्थव्यवस्था को खोल लिया था, जबकि अमेरिका, यूरोप और जापान समेत दुनिया की ज्यादातर प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं कोरोना संकट से जूझने में लगी थीं.
चीन में सामान्य हो चुकी है बिजनेस और कंज्यूमर एक्टिविटी
पिछले कुछ महीनों के दौरान चीन में बिजनेस और कंज्यूमर एक्टिविटी मौटे तौर पर सामान्य हो चुकी हैं. मैन्युफैक्चरिंग, ऑटोमोबाइल्स की बिक्री के आंकड़े भी कोरोना महामारी के दौर से पहले वाले स्तर पर पहुंच चुके हैं. पिछले साल दुनिया भर में लॉकडाउन के दौर के बीच चीन पहला देश था जिसने अपने यहां कारखानों और बाजारों को पूरी तरह खोलने की शुरुआत की थी. चीन के नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स के मुताबिक उसकी इकॉनमी लगातार ठोस प्रदर्शन कर रही है.
रिकवरी के बावजूद बनी हुई है अनिश्चितता
हालांकि कुछ जानकारों ने चेतावनी दी है कि हाल के महीनों में चीन के अच्छे प्रदर्शन के बावजूद उसकी इकॉनमिक रिकवरी अब भी अनिश्चितता से बाहर नहीं आई है. ऐसा इसलिए, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय डिमांड अब तक कमजोर ही बनी हुई है. हाल के दिनों में कई देशों में महामारी की नई लहर को रोकने के लिए आर्थिक गतिविधियों पर फिर से बंदिशें लगानी पड़ रही हैं, जिससे बिजनेस और ट्रेड पर बुरा असर पड़ रहा है.