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चीन का रक्षा बजट भारत के मुकाबले तीन गुना है. (Reuters)
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China defence budget 2020: कोरोनावायरस महामारी के इस दौर में जहां पूरी दुनिया वायरस से निपटने, स्वास्थ्य तैयारियों को और पुख्ता करने और इस संकट से उबरने में जुटी हैं, वहीं चीन अपनी रक्षा तैयारियों पर जोर दे रहा है. चीन ने अपना रक्षा (डिफेंस) बजट बढ़ाकर 179 अरब डॉलर कर दिया. अमेरिका के बाद सबसे अधिक सैन्य खर्च करने वाला चीन दुनिया का दूसरा देश है. चीन का रक्षा बजट भारत के मुकाबले तीन गुना है. पिछले साल चीन का रक्षा बजट 177.6 अरब डॉलर था. मौजूदा वृद्धि पिछले कुछ वर्षों में चीन द्वारा रक्षा बजट में की गई सबसे कम वृद्धि है. इसकी एक प्रमुख वजह कोरोना वायरस के कारण अर्थव्यवस्था में आए भारी रुकावट को माना जा रहा है. हालांकि, चीन का भारत, जापान और वियतनाम जैसे पड़ोसी मुल्कों से सीमा विवाद है. ऐसे में चीन के रक्षा बजट में यह बढ़ोतरी काफी मायने रखती है. दूसरी ओर, कोरोना के दुनियाभर में फैलने को लेकर अमेरिका पहले ही चीन के खिलाफ मुखर है. राष्ट्रपति ट्रम्प इस महामारी के विश्व में फैलने के लिए चीन को जिम्मेदारी ठहरा रहे हैं. जबकि, चीन इससे इनकार करता आ रहा है. ऐसे में ट्रेड वार के बाद एक बार फिर चीन—अमेरिका कोरोना महामारी के मसले पर आमने सामने हैं.
चीन के पास दुनिया की सबसे बड़ी सेना
देश की शीर्ष विधायिका नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) में शुक्रवार को पेश मसौदा बजट रिपोर्ट के अनुसार 2020 में चीन के रक्षा बजट की वृद्धि दर 6.6 फीसदी रहेगी. 20 लाख सैनिकों के साथ चीन की सेना दुनिया की सबसे बड़ी सेना है. चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ न्यूज ने बताया कि इस तरह लगातार पांचवे वर्ष चीन के रक्षा बजट में 10 फीसदी से कम बढ़ोतरी होगी. एनपीसी को सौंपे गए मसौदा रक्षा बजट के अनुसार इस साल चीन का रक्षा बजट 1,270 अरब युआन (करीब 179 अरब डॉलर) का होगा.
रक्षा बजट की पारदर्शिता पर उठते रहे सवाल
रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 में चीन का कुल रक्षा व्यय अमेरिका के मुकाबले एक चौथाई था, जबकि प्रति व्यक्ति रक्षा व्यय अमेरिका के 17वें हिस्से के बराबर था. एनपीसी के प्रवक्ता झांग युसुई ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान चीन के रक्षा बजट में पारदर्शिता का अभाव होने की बात से इनकार किया. रक्षा विश्लेषकों का कहना है कि बीजिंग के सैन्य और आधुनिक हथियारों का विस्तार उसकी घोषणाओं के मुकाबले बहुत अधिक है. झांग ने कहा कि चीन का कोई ‘‘छिपा हुआ सैन्य खर्च’’ नहीं है. उन्होंने कहा कि चीन 2007 से हर साल संयुक्त राष्ट्र को अपने सैन्य खर्चों की रिपोर्ट देता रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘पैसे कहां से आते हैं, उन्हें कहां खर्च किया जाता है, सभी बातों का लेखाजोखा है.’’
2019 में चीन का रक्षा खर्च 232 अरब डॉलर
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) के अनुसार 2019 में चीन का रक्षा खर्च 232 अरब अमेरिकी डॉलर था. हालांकि, SIPRI के अनुसार अमेरिका का रक्षा बजट 732 अरब डॉलर है. चीन के भारी रक्षा व्यय के चलते भारत और कई अन्य देशों को अपना रक्षा व्यय बढ़ाने पर मजबूर होना पड़ा है, ताकि शक्ति संतुलन कायम रखा जा सके. इंडियन इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस एंड एनालिसिस (IDSA) के अनुसार भारत का रक्षा बजट 2020 में 66.9 अरब अमेरिकी डॉलर था. इस तरह चीन का ताजा रक्षा बजट भारत के मुकाबले 2.7 गुना अधिक है. झांग ने कहा कि चीन का रक्षा बजट कई सालों से उसकी जीडीपी का करीब 1.3 फीसदी है. यह वैश्विक औसत 2.6 फीसदी से काफी कम है.
सालों से चीन के रक्षा बजट पर चल रही चर्चा
चीन के रक्षा बजट को लेकर हाल के वर्षों में चर्चाएं तेज हुई हैं, क्योंकि चीन ने अपनी सेना को आधुनिक बनाने का दायरा बढ़ाया है. इसमें विमानवाहक पोत, पांचवी पीढ़ी के लड़ाकू विमान और अन्य आधुनिक बदलाव शामिल हैं. हालांकि चीन और अमेरिका के बीच व्यापार युद्ध की स्थितियां बनने के बाद से चीन के रक्षा खर्च की वृद्धि दर गिरी है. इस व्यापार युद्ध की वजह से चीन की अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ा है. अब कोविड-19 संकट ने इसे और गहरा ही किया है. चीन का भारत, जापान और वियतनाम जैसे पड़ोसी मुल्कों से सीमा विवाद है. ऐसे में चीन के रक्षा बजट में यह बढ़ोत्तरी काफी मायने रखती है.
Input: PTI