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चीनी प्रोफेसर जियानझांग ने सरकार से जोर देकर प्रार्थना किया है कि जन्म दर को बढ़ाने के लिए हर बच्चे के जन्म पर 10 लाख युआन (1.14 करोड़ रुपये) माता-पिता को दिए जाएं.
चीन में हर 10 साल पर होने वाली जनगणना के आंकड़े कुछ दिन पहले जारी किए गए. इसके मुताबिक 2010-2020 के के बीच चीन की जनसंख्या 5.38 फीसदी की दर से बढ़ी जबकि उसके पिछले दशक में यह 5.84 फीसदी थी. इसे विशेषज्ञ सही संकेत नहीं मान रहे हैं. इसे लेकर सोशल मीडिया पर हुई बहस में सामने आया कि बच्चों के पालने में अधिक खर्च के चलते लोग वंश नहीं बढ़ा रहे हैं. ऐसे में चीन की पेकिंग यूनिवर्सिटी में स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के एक प्रोफेसर लियांग जियानझांग ने सरकार से जोर देकर प्रार्थना किया है कि जन्म दर को बढ़ाने के लिए हर बच्चे के जन्म पर 10 लाख युआन (1.14 करोड़ रुपये) माता-पिता को दिए जाएं. प्रोफेसर ने समझाया कि बच्चा जब बड़ा होगा तो 10 लाख युआन से अधिक इकोनॉमी में जोड़ देगा.
पिछले दशक में चीन की जनसंख्या कई दशकों में सबसे धीमी गति से बढ़ी. अब उसे यह आशंका सता रही है कि भविष्य में कहीं काम करने लायक लोगों की कमी न हो जाए और वे बुजुर्गों को सहारा देने के लिए समर्थ न हो पाएं. चीन की जनसंख्या इस समय 1.41 अरब है.
योजना पर चीन की जीडीपी का 10 फीसदी खर्च
जियानझांग ने अपने सुझावों को लेकर चीन की सोशल मीडिया Weibo पर एक वीडियो पोस्ट किया है. इसमें उन्होंने सरकार से सभी नए बच्चे के जन्म पर उसके माता-पिता को 10 लाख युआन देने की सिफारिश की है. ट्रैवल सर्विस प्रोवाइड सीट्रिप के फाउंडर प्रोफेसर जियानझांग का मानना है कि इस समय चीन की जन्म दर 1.3 है जिसे 2.1 करने के लिए अगर सरकार उनके सुझाव को मान लेती है तो इस पर चीन की जीडीपी के 10 फीसदी के बराबर खर्च करना होगा. प्रोफेसर के मुताबिक यह कैश के रूप में या टैक्स रिलीफ या हाउसिंग सब्सिडीज के रूप में दी जा सकती है.
बड़े होने पर बच्चा कर देगा 10 लाख युआन से अधिक का योगदान
प्रोफेसर का मानना है कि चीनी सरकार जो 10 लाख युआन देगी, वह भविष्य में बच्चे द्वारा इकोनॉमी में योगदान से रिकवर हो जाएगा. अगर कोई परिवार किसी बच्चे को जन्म देता है, तो वह बच्चा भविष्य में सोशल सिक्योरिटी से लेकर टैक्स रेवेन्यू तक इकोनॉमी में जो योगदान करेगा, वह 10 लाख युआन से अधिक हो जाएगा. प्रोफेसर ने कहा कि इसे लेकर उन्होंने कई लोगों से बातचीत की तो उन्हें यह महसूस हुआ कि अगर सरकार कुछ हजार देती है तो इससे लोग बच्चे पैदा करने को लेकर प्रोत्साहित नहीं होंगे.