scorecardresearch

हुवावे पर अमेरिकी बैन के बाद चीन भी बनाएगा ब्लैक लिस्ट, दुनिया भर के कई देश होंगे प्रभावित

चीन ने कहा है कि वह ऐसी कंपनियों की काली सूची तैयार करेगा जो घरेलू कंपनियों के हितों को नुकसान पहुंचा रही हैं.

चीन ने कहा है कि वह ऐसी कंपनियों की काली सूची तैयार करेगा जो घरेलू कंपनियों के हितों को नुकसान पहुंचा रही हैं.

author-image
Bloomberg
New Update
huawei ban, china, china vs us, uc china, trade war, tariff war, china black list, us black list, हुवावे बैन, हुवावे ब्लैक लिस्ट, चीन ब्लैकलिस्ट, हुवावे, जापान, तोशिबा, पैनासोनिक, गूगल, google, panasonic, toshiba,

चीन के फैसले से अमेरिका के अलावा भी देश प्रभावित होंगे.

huawei ban, china, china vs us, uc china, trade war, tariff war, china black list, us black list, हुवावे बैन, हुवावे ब्लैक लिस्ट, चीन ब्लैकलिस्ट, हुवावे, जापान, तोशिबा, पैनासोनिक, गूगल, google, panasonic, toshiba, चीन के फैसले से अमेरिका के अलावा भी देश प्रभावित होंगे.

कुछ समय पहले चीन की दिग्गज कंपनी Huawei पर पांबदी लगाने को ब्लैकलिस्ट करने की घोषणा की थी. इसके बाद अब चीन ने भी कहा है कि वह ऐसी कंपनियों की काली सूची तैयार करेगा जो घरेलू कंपनियों के हितों को नुकसान पहुंचा रही हैं. चीन के इस फैसले न सिर्फ अमेरिकी बल्कि हजारों विदेशी कंपनियां भी प्रभावित हो सकती हैं.

चीन के कॉमर्स मिनिस्ट्री के प्रवक्ता गाओ फेंग ने कहा कि जो भी विदेशी एंटरप्राइजेज, ऑर्गेनाइजेशंस और इंडिविजुअल्स बाजार के नियमों को नहीं मानते, सौदे का उल्लंघन करते हैं, नॉन-कॉमर्शियल वजहों से सप्लाई भी बंद कर देते हैं और कभी-कभी चीनी कंपनियों के हितों को नुकसान पहुंचाते हैं, ऐसे सभी लोगों के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि कि इसके लिए जरूरी मैकेनिज्म का जल्द खुलासा कर दिया जाएगा. फैंग के मुताबिक राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरनाक कंपनियों को भी ब्लैकलिस्ट किया जाएगा.

Advertisment

हुवावे पर बैन से गहराया चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड वार

कुछ समय पहले अमेरिका ने चीन की सबसे सफल कंपनियों में एक लेकिन विवादित वैश्विक कंपनी हुवावे को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया. इसके बाद से अब हुवावे अपने उत्पाद अमेरिकी कंपनियों को नहीं बेच सकता है और वह अमेरिकी कंपनियों से कुछ खरीद भी नहीं सकता है. हुवावे को ब्लैकलिस्ट करने के कारण चीन और अमेरिका के बीच पिछले साल से जारी ट्रेड वार और गहरा गया है. यह ट्रेड वार ऐसे समय में और बढ़ गया जब दोनों देशों के बीच इसे सुलझाने के लिए बातचीत चल रही थी.

चीन के फैसले से अमेरिका के अलावा भी देश होंगे प्रभावित

विदेशी कंपनियों को ब्लैकलिस्टेड करने के फैसले से सिर्फ अमेरिका ही नहीं, अन्य देश भी प्रभावित होंगे. चीन की सबसे बड़ी तकनीकी कंपनी हुवावे को सिर्फ गूगल की पैरंट कंपनी अल्फाबेट, क्वालकॉम और इंटेल ने ही सप्लाई नहीं बंद किया था, बल्कि जापान की तोशिबा जैसी कंपनी ने भी हुवावे की ब्रिटिश इकाई को सप्लाई बंद कर दिया. पैनासोनिक और तोशिबा जैसी कंपनियां, जिन्होंने हुवावे को सप्लाई बंद किया है, उन्हें चीन के इस फैसले से नुकसान हो सकता है. यह आशंका हांगकांग के सोसाइट जनरल एसए के ग्रेटर चाइना इकोनॉमिस्ट माइकल लाम ने व्यक्त की है.