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चीनी रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को एलान किया कि पूर्वी लद्दाख में Pangong झील के दक्षिण और उत्तरी किनारों पर सीमावर्ती सैनिकों ने हटना शुरू कर दिया है. (File Pic)
चीनी रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को एलान किया कि पूर्वी लद्दाख में Pangong झील के दक्षिण और उत्तरी किनारों पर सीमावर्ती सैनिकों ने हटना शुरू कर दिया है. चीन के राष्ट्रीय रक्षा के मंत्रालय के प्रवक्ता सीनियर कर्नल Wu Qian द्वारा दिए गए और चीन के आधिकारिक मीडिया में छपे बयान पर भारतीय तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है.
Wu Qian ने संक्षिप्त बयान में कहा कि Pangong Tso झील के उत्तरी और दक्षिणी छोर पर मौजूद सीमावर्ती टुकड़ियों ने 10 फरवरी से तालमेल के साथ और सुनियोजित वापसी शुरू कर दी है. बयान में आगे कहा गया है कि यह कदम दोनों ओर से चीन-भारत के सैन्य दलों के कमांडर लेवल मीटिंग के 9वें दौर में पहुंची आम सहमति के मुताबिक किया गया है.
पिछले साल मई से गतिरोध जारी
चीन और भारत की सेनाएं पिछले साल मई से तनाव गतिरोध में हैं. दोनों देशों ने इस गतिरोध का समाधान करने के लिए कई दौर की सैन्य और राजनियक स्तर की बातचीत की है.
24 जनवरी को Moldo-Chushul बॉर्डर मीटिंग प्वॉइंट की चीनी तरफ पर चीन-भारत सेना कमांडर स्तर की बैठक का नौवां दौर हुआ था.
बता दें कि पिछले साल 15 जून में लद्दाख के गलवान घाटी में भारत और चीन की सेना के बीच हिंसक झड़प हुई. इसमें भारत के 20 जवानों के शहीद हुए थे. कई घायल भी हुए. चीन के सैनिकों द्वारा यह हमला पत्थरों, लाठियों और धारदार हथियारों से किया गया. इस झगड़े की शुरुआत चीन की तरफ से हुई, जब बातचीत के बाद उसे पीछे हटाया जा रहा था. भारतीय सेना के ऑफिसर टीम के साथ गलवान वैली में पीपी-14 पहुंचे, जहां से चीनी सैनिकों को पीछे हटना था.
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उस दौरान चीनी सैनिकों की तादाद बहुत कम थी. लेकिन अचानक से ही वहां बड़ी संख्या में चीनी सैनिक आ गए. भारतीय अफसर और उनके 2 जवानों पर पत्थरों और लोहे की रॉड से हमला किया गसा. उसके बाद भारी संख्या में भारतीय सैनिक भी उस प्वॉइंट पर पहुंचे और आधी रात तक हिंसक झड़प चलती रही.