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फाइजर के बाद दूसरी अमेरिकी कंपनी ने वैक्सीन के दावे किए हैं.
कोरोना महामारी (COVID-19 Pandemic) से निपटने के लिए वैक्सीन आने पर अमेरिकी डॉलर में गिरावट देखने को मिल सकती है. सिटी बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, अगले साल 2021 में वैक्सीन आ जाने की स्थिति में डॉलर में 20 फीसदी की गिरावट आ सकती है. सिटीबैंक का कहना है कि एक बार वैक्सीन बाजार में आ जाए तो इसका सबसे बड़ा प्रभाव अमेरिकी डॉलर पर पड़ेगा. अमेरिकी डॉलर में उतार-चढ़ाव का प्रभाव न सिर्फ अमेरिकी बाजार पर बल्कि दुनिया भर की बाजारों और उनकी मुद्राओं पर पड़ता है.
वैक्सीन पर अमेरिकी कंपनी के दावे
मॉडर्ना इंक एक दिन पहले अपनी वैक्सीन को क्लीनिकल ट्रॉयल के आधार पर कोरोना से निपटने में 94.5 फीसदी प्रभावकारी बताया है. एक हफ्ते में इस प्रकार के दावे करने वाली अब यह फाइजर के बाद दूसरी अमेरिकी कंपनी बन चुकी है. सिटी बैंक डॉलर गिरने का आउटलुक (बियरिश डॉलर व्यू) यह है कि अमेरिकी सेंट्रल बैंक अपनी नीतियों को आसान बनाए रखेगा, चाहे इकोनॉमी रिकवरी के दौरान महंगाई अनुमान बढ़ भी जाए. इस कारण से अमेरिकी ट्रेजरी पर मिलने वाला यील्ड बढ़ेगा.
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मॉडर्ना के दावे के बाद डॉलर में दिखी कमजोरी
मोडेर्ना इंक द्वारा वैक्सीन के दावे आने के बाद अमेरिकी डॉलर में कमजोरी दिखी है. अमेरिकी डॉलर में कमजोरी की एक वजह उसकी प्रमुख प्रतिद्वंद्वी चीन, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे एशिया-पैसिफिक देशों द्वारा आठ साल के समझौते के बाद दुनिया का सबसे बड़ा फ्री ट्रेड एग्रीमेंट करना भी रहा.
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वैक्सीन की सफलता से गोल्ड में गिरावट का संबंध
कोरोना महामारी के कारण फैली अनिश्चितता के बीच निवेशकों के गोल्ड में निवेश आकर्षक हो गया था. इस वजह से इसकी कीमतों में तेजी का माहौल बना हुआ था. हालांकि अब वैक्सीन की सफलता से रिस्क सेंटिमेंट सुधरा है और स्टॉक मार्केट में निवेशकों का भरोसा वापस हो रहा है. इस वजह से गोल्ड की तेजी अब सीमित हो रही है.