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Lancet जरनल की शुक्रवार को पब्लिश हुई रिपोर्ट में यह बात सामने आई है.
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कोविड-19 की वैक्सीन Sputnik V जिसे पिछले महीने रूस ने मंजूरी दी थी, उसने छोटे ह्यूमन ट्रायल में एंटीबॉडी रिस्पॉन्स दिखाया है जिसके साथ कोई गंभीर विपरीत फल नहीं आए हैं. Lancet जरनल की शुक्रवार को पब्लिश हुई रिपोर्ट में यह बात सामने आई है. कुल 76 लोगों में किए अनियमित शुरुआती फेज के वैक्सीन ट्रायल में यह बात सामने आई है कि वैक्सीन के दो फॉर्म्यूलेशन में 42 दिनों तक अच्छे सुरक्षा के प्रोफाइल दिखा है और 21 दिनों में इसने सभी प्रतिभागियों में एंटीबॉडी रिस्पॉन्स पैदा किए हैं.
वैक्सीन 28 दिनों के भीतर रिस्पॉन्स पैदा करती है
रिसर्चर्स ने कहा कि ट्रायल से मिले सेकेंडरी परिणामों से पता चलता है कि वैक्सीन 28 दिनों के भीतर T सेल रिस्पॉन्स भी पैदा करती है. ये परिणाम 42 दिनों के भीतर होने वाले दो छोटे फेज के ट्रायल पर आधारित हैं. एक में वैक्सीन की फ्रोजन फॉर्म्यूलेशन की स्टडी की गई है और दूसरी में lyophilised फॉर्म्यूलेशन शामिल है. फ्रोजन फॉर्म्यूलेशन को वैक्सीन की मौजूदा ग्लोबल सप्लाई में बड़े स्तर पर इस्तेमाल के लिए किया गया जबकि दूसरे को मुश्किल से पहुंच वाले क्षेत्रों के लिए किया गया क्योंकि यह ज्यादा स्थिर है और इसे 2-8 डिग्री सेल्सियस में स्टोर किया जा सकता है.
दूसरी तरफ, विश्व स्वास्थ्य संगठन को अगले साल के मध्य तक कोविड-19 के खिलाफ बड़े स्तर पर वैक्सीनेशन की उम्मीद नहीं है. यह बात शुक्रवार को एक महिला प्रवक्ता ने कही. बयान में उसकी सुरक्षा और प्रभाव पर कड़ी सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया गया है.
प्रवक्ता Margaret Harris ने कहा कि एडवांस्ड क्लीनिकल ट्रायल में मौजूद किसी भी वैक्सीन कैंडिडेट में अब तक क्षमता का साफ संकेत नहीं दिखा है जो WHO को चाहिए. रूस ने अगस्त में कोविड-19 वैक्सीन को रेगुलेटरी मंजूरी दे दी जो मानव परीक्षण के दो महीने से कम समय में मिली थी. जिससे कुछ जानकारों ने उसकी सुरक्षा और क्षमता पर सवाल उठाए थे.