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Coronavirus vaccine Updates: कौन बनाएगा दुनिया की पहली कोविड-19 वैक्सीन?

Coronavirus vaccine news: दुनियाभर में करीब 160 से अधिक कोरोनावायरस कोविड-19 वैक्सीन डेवलपमेंट पर काम चल रहा है. इनमें से 26 वैक्सीन ह्यूमन ट्रॉयल के फेज में हैं. 

Coronavirus vaccine news: दुनियाभर में करीब 160 से अधिक कोरोनावायरस कोविड-19 वैक्सीन डेवलपमेंट पर काम चल रहा है. इनमें से 26 वैक्सीन ह्यूमन ट्रॉयल के फेज में हैं. 

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Coronavirus vaccine Updates,Coronavirus vaccine news

दुनियाभर में 26 वैक्सीन ह्यूमन ट्रॉयल के फेज में हैं. 

Coronavirus vaccine Updates,Coronavirus vaccine news दुनियाभर में 26 वैक्सीन ह्यूमन ट्रॉयल के फेज में हैं.

Coronavirus vaccine Updates: को​रोनावायरस कोविड-19 वैक्सीन बनाने के लिए दुनियाभर में रिसर्च जारी है. यूके की ​ऑक्सफोर्ड आस्ट्राजेनेका, रूस, अमेरिका की मॉडर्ना, भारत की भारत बायोटेक (कोवै​क्सीन) व जायडस केडिला और सिनोवेक समेत कई चीनी कंपनियों ने वैक्सीन डेवलपमेंट में काफी अच्छी प्रगति की है. दुनियाभर में करीब 160 से अधिक कोरोनावायरस कोविड-19 वैक्सीन डेवलपमेंट पर काम चल रहा है. इनमें से 26 वैक्सीन ह्यूमन ट्रॉयल के फेज में हैं.

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ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा डेवलप की गई कोरोना वैक्सीन को लेकर एक बड़ी खबर आई. मानव परीक्षण के बाद यह दावा किया गया है कि यह वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित और इम्यून सिस्टम बढ़ाने वाली है. इसके परीक्षण में किसी भी तरह का नुकसान नहीं पाया गया है. इस बारे में यूके बेस्ड मेडिकल जर्नल ‘The Lancet’ में रिपोर्ट प्रकाशित हुई है. इस दवा को आधिकारिक रूप में AZD1222 के रूप में जाना जाता है और ब्रिटिश-स्वीडिश फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा तैयार की गई है. ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने कहा कि उन्होंने 18 साल से 55 साल की उम्र के लोगों के बीच इस वैक्सीन के परीक्षण में पाया कि इससे लोगों में दोहरी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न हुई.

ऑक्सफोर्ड का 9 कंपनियों के साथ समझौता

ऑक्सफोर्ड आस्ट्राजेनेका ने दुनिया भर में 9 कंपनियों के साथ समझौता कर रखा है. उसने वैक्सीन की मंजूरी मिलने के बाद 2 अरब डॉलर के उत्पादन की प्रतिबद्धता भी जताई है. पुणे की सीरम इंस्ट्रीट्यूटी भी उसकी एक भागीदार है. ऑक्सफोर्ड वैक्सीन की भारत में भी ट्रॉयल की योजना है. इस बीच, सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया ने कहा है कि वह डीजीसीए के पास अगले हफ्ते ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रॉयल शुरू करने के लिए लाइसेंस के लिए आवेदन करेगी.

मानव परीक्षण में बड़ा खुलासा, बेहद सुरक्षित और कारगर है ऑक्सफोर्ड कोविड-19 वैक्सीन: लैंसेट

भारत में विकसित COVAXIN का ह्युमन

भारत में विकसित कोरोना वैक्सीन COVAXIN का ह्युमन ट्रॉयल एम्स दिल्ली, गोवा के रेदरक अस्पताल और भुवनेश्वर के इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेस एंड एसयूएम हॉस्पिटल में शुरू होने जा रहा है. भारतीय चिकित्सा अनुसंशधन परिषद (ICMR), भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (BBIL) और नेशलन इंस्टीट्यूट आफ विरोलॉजीख् पुणे ने इस वैक्सीन को डेवलप किया है. इस संभावित वैक्सीन का एम्स पटना और पीजीआई, रोहतक में ट्रॉयल शुरू हो गया है. कोवैक्सीन का क्लि​निकल ट्रॉयल विशाखापट्टनम, कर्नाटक के बेलगाम, नागपुर, उत्तर प्रदेश के गोरखपुर व कानपुर, तमिलनाडु के कट्टनकलंथूर, हैदराबाद, और आर्या नगर के मेडिकल इंस्टीट्यूट और अस्पतालों में भी शुरू होगा.

रूस का दावा- अगस्त तक आएगी वैक्सीन

रूस ने इस बीच दावा किया है कि दुनिया की पहल कोरोनावायरस कोविड-19 वैक्सीन अगस्त तक आ जाएगी. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, रूस के कारोबारी और राजनीतिक संभ्रांत लोगों को प्रायोगिक संभावित ​कोरोनावायरस वैक्सीन उपलब्ध कराई गई है. इस वैक्सीन को गैमेलिया रिसर्च इंस्टीट्यूट आफ एपिडेमोलॉजी एंड माइक्रोबॉयोलॉजी ने डेवलप किया है. इसकी फंडिंग सरकारी रसियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड ने की है. इस प्रोजेक्ट को रूस के रक्षा मंत्रालय का भी सपोर्अ है. पिछले हफ्ते संभावित वैक्सीन का ट्रॉयल 1 पूरा हो गया, जिसमें सैन्य कर्मी भी प्रतिभागी थे. हालांकि, अभी तक इस बारे में कोई रिसर्च पब्लिश नहीं हुई है. इंस्टीट्यूट ने बड़े समूह पर इसका परीक्षण शुरू कर दिया है. हालांकि, अनुसंधानकर्ताओं ने दावा किया कि संभावित वैक्सीन के कैंडिडेट 'सुरक्षित और विश्वसनीय' हैं.

मॉडर्ना ह्युमन ट्रॉयल के तीसरे फेज में

अमेरिका की मॉडर्ना एक संभावित कोरोनावायरस वैक्सीन कैंडिडेट डैवलप कर रही है. वास्तव में मॉडर्ना पहली संस्था है, जिसने 16 मार्च को ही वैक्सीन का ह्यूमन ट्रॉयल शुरू कर दिया था. इसके पांच दिन बाद WHO ने कोविड19 को महामारी घोषित किया था. इसके शुरुआती नतीजे बेहतर रहे हैं. 30,000 लोगों पर तीसरे फेज का ट्रॉयल 27 जुलाई से शुरू होगा.

बता दें, मॉडर्ना की ओर से विकसित एक्सपेरिमेंटल कोविड19 वैक्सीन स्वस्थ वयस्कों में कोरोना से लड़ने वाली न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडीज को विकसित करने में सक्षम है. हालांकि कई मरीजों में इसके माइनर साइड इफेक्ट्स भी मिले हैं.

चीनी कंपनी सिनोवेक में भी रेस में

WHO ने 20 से अधिक संभावित कोरोनावायरस वैक्सीन कैंडिडेट को ह्यूमन ट्रॉयल के फेज में चिहिन्त किया है. इनमें से आधे कैंडिडेट चीनी कंपनियों द्वारा डेवलप किए जा रहे हैं. ऐसी ही एक कंपनी सिनोवैक है. WHO ने कहा है कि ऑक्सफोर्ड के साथ ही चीनी कंपनी की वैक्सीन के नतीजे भी अच्छी खबर लेकर आए हैं. चीनी फार्मा कंपनी सिनोवैक फेज 3 ट्रॉयल में प्रवेश करने वाली दुनिया की तीसरी कंपनी है. ब्राजील के 6 राज्यों में फेज—3 का बड़े पैमाने पर ट्रॉयल शुरू हो रहा है. सिनावैक को बांग्लादेश में भी फेज 3 ट्रॉयल की अनुमति मिल गई है.

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