/financial-express-hindi/media/post_banners/SrcHMyXCFfFamLoNgqaQ.jpg)
Representational Image: Reuters
/financial-express-hindi/media/post_attachments/yAwutTyBe30heCqgSWv3.jpg)
कोरोना वायरस (Coronavirus) के पूरी दुनिया में छाए कहर के बीच इसकी वैक्सीन को लेकर परीक्षण तेज हो गए हैं. इस दिशा में ब्रिटेन ने इस महामारी की वैक्सीन का सबसे बड़ा ड्रग ट्रायल बृहस्पतिवार से शुरू होने का एलान किया था. इस वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने तैयार किया है और इसका नाम "ChAdOx1 nCoV-19" है.
इस वैक्सीन के ट्रायल के बड़े पैमाने पर सफल होने की उम्मीद की जा रही है, लिहाजा पूरे विश्व की नजरें इस पर टिकी हुई हैं. द टेलिग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी का जेनर इंस्टीट्यूट और ऑक्सफोर्ड वैक्सीन ग्रुप यह ट्रायल कर रहा है. यूके के हेल्थ सेक्रेटरी मैट हैनकॉक ने कहा है कि इस वैक्सीन प्रोजेक्ट के लिए यूनिवर्सिटी को ब्रिटेन की सरकार से 2 करोड़ पाउंड की फंडिंग मिल चुकी है. दूसरे वैक्सीन प्रोजेक्ट के लिए यूके सरकार इंपीरियल कॉलेज, लंदन को 2.20 करोड़ पाउंड की फंडिग दे चुकी है.
गरीब कल्याण योजना से 33 करोड़ लोगों को मिली मदद, बैंक खाते में पहुंची PM-Kisan स्कीम की पहली किस्त
ट्रायल सफल होने की संभावना 80%
अन्य रिपोर्ट्स के मुताबिक, वैक्सीन की पहली डोज 510 वॉलंटियर्स को दी जाएगी. इनकी उम्र 18-55 साल के बीच है. इस परीक्षण के सफल होने की 80 फीसदी संभावना है. अगर यह ट्रायल कामयाब हो जाता है और वैक्सीन को मंजूरी मिल जाती है तो जेनर इंस्टीट्यूट सितंबर 2020 तक इसकी 10 लाख डोज विकसित करेगा.
जर्मनी में भी परीक्षण शुरू
इस बीच जर्मनी में भी बुधवार से मनुष्यों पर एक वैक्सीन का पहला ट्रायल शुरू किया गया है. इस वैक्सीन को जर्मनी की कंपनी Biontech और अमेरिका की कंपनी Pfizer ने विकसित किया है.