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रूस ने अपनी कोविड-19 वैक्सीन के वन-शॉट स्पूतनिक लाइट वर्जन के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है.
रूस ने अपनी कोविड-19 वैक्सीन के वन-शॉट स्पुतनिक लाइट वर्जन के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है. रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (RDIF) ने गुरुवार को यह जानकारी दी. इस कदम से ज्यादा संक्रमण दर वाले देशों में वैक्सीन सप्लाई बेहतर करने में मदद मिलेगी. मॉस्को के Gamaleya द्वारा विकसित स्पुतनिक लाइट वैक्सीन के बारे में RDIF ने बताया कि यह कोविड-19 के खिलाफ 79.4 फीसदी प्रभावी है. इसकी कीमत भी 10 डॉलर प्रति डोज से कम होगी. कंपनी के मुताबिक इस वैक्सीन को उन देशों को निर्यात किया जाएगा, जहां कोरोना महामारी का प्रकोप काफी अधिक है, जिस पर कम समय में काबू पाना जरूरी है.
महीने के अंत तक आएंगे तीसरे चरण के ट्रायल के नतीजे
RDIF ने एक बयान में कहा कि सिंगल डोज स्पुतनिक लाइट वैक्सीन को रूस के बड़े टीकाकरण अभियान के तहत 5 दिसंबर 2020 और 15 अप्रैल 2021 के बीच इस्तेमाल किया गया, जिसमें इसका 79.4 फीसदी का असर दिखाई दिया है. रूस, यूएई, घाना और दूसरे देशों में फेज 3 क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है जिसमें सात हजार लोग शामिल हैं. इस ट्रायल के अंतरिम नतीजे इस महीने के आखिर तक आने की उम्मीद है.
रूसी अधिकारियों के मुताबिक करीब 80 लाख रूसी लोगों का टीकाकरण अब तक पूरा हो चुका है. उन्हें दो डोज वाली स्पुतनिक वी वैक्सीन लगाई जा चुकी है, जिसका नाम सोवियत संघ के ज़माने की मशहूर रूसी सैटलाइट के नाम पर रखा गया है. रूसी वैज्ञानिकों ने पिछले महीने कहा था कि स्पुतनिक वी वैक्सीन कोविड-19 के खिलाफ 97.6 फीसदी कारगर है. उनका दावा है कि यह नतीजे 38 लाख लोगों के आंकड़ों के अध्ययन पर आधारित थे.
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यूरोपियन मेडिसिन्स एजेंसी ने अब तक रूस की कोविड वैक्सीन को मंजूरी नहीं दी है. ऑस्ट्रिया ने मंगलवार को कहा कि वह स्पुतनिक वी को केवल EMA की मंजूरी के बाद ही खरीदेगी. स्पुतनिक लाइट सिंगल डोज वैक्सीन होने के कारण कम समय में ज्यादा लोगों के टीकाकरण के लिए काफी उपयोगी साबित होगी, जिससे कोरोना महामारी को तेजी से फैलने से रोकने में सफलता मिल सकती है.