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डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना के चलते होने वाली मौतों के आधे आकंड़े को भारत ने गिना ही नहीं है. (AP/File)
Covid News Updates: पिछले दो साल में कोरोना महामारी के चलते भारत में 4.81 लाख नहीं बल्कि 47.4 लाख लोगों की मौत हुई है. यह दावा विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने गुरुवार (5 मई) को अपनी एक रिपोर्ट में किया है. इस रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना के प्रत्यक्ष संक्रमण या अप्रत्यक्ष रूप से महामारी ने 47.4 लाख जिंदगियों को लील लिया. यह आंकड़ा भारत सरकार के आंकड़ों से करीब दस गुना अधिक है. भारत सरकार के आधिकारिक आंकड़े के मुताबिक कोरोना महामारी के चलते 2021 के आखिरी तक 4.81 लाख लोगों की मौत हुई थी. डब्ल्यूएचओ के रिपोर्ट पर भारत ने आपत्ति जताई है.
डब्ल्यूएचओ की यह रिपोर्ट भारत द्वारा वर्ष 2020 के जन्म व मृत्यु के रजिस्ट्रेशन का सालाना आंकड़ा जारी करने के दिन बाद आया है. सरकार के सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (सीआरएस) में पिछले कुछ वर्षों के मुकाबले वर्ष 2020 में 4.75 लाख अधिक मौतें दर्ज हुई हैं जोकि पिछले कुछ वर्षों में मौतों के आंकड़ों के ट्रेंड के मुताबिक ही है. सीआरएस किसी खास वजह से हुई मौत के आंकड़े नहीं स्टोर करता है.
कोरोना महामारी से दुनिया भर में 32% मौतें भारत में
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना के चलते दुनिया भर में करीब 1.5 करोड़ लोगों की जान गई और भारत में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोरोना महामारी के चलते दो साल में 47.4 लाख लोगों की जान गई यानी करीब 31.6 फीसदी. इसमें से 8.6 लाख मौतें वर्ष 2020 में हुई. डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक भारत समेत कई देशों ने आंकड़े सही नहीं पेश किए हैं. WHO ने दावा किया है कि दो साल में कोरोना ने 1.5 करोड़ लोगों की जिंदगियां चली गईं लेकिन अगल-अलग देशों ने मिलाकर महज 54 लाख का आंकड़ा पेश किया है. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक 84 फीसदी जो अधिक आंकड़ा है, वह दक्षिण-पूर्व एशिया, यूरोप और अमेरिकी देशों से है.
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चीन और श्रीलंका में निगेटिव आंकड़ा
रिपोर्ट के मुताबिक 15 फीसदी मौतें अधिक आय वाले देशों में, 28 फीसदी अपर मिडिल क्लास कंट्रीज, 53 फीसदी लोअर मिडिल इनकम कंट्रीज और 4 फीसदी मौतें कम आय वाले देशों में हुई हैं. एक-तिहाई जानें भारत से गई. एक्सेस डेथ डेटा में 1.54 फीसदी (2,30,440) पाकिस्तान, 0.9 फीसदी (1,40,765) बांग्लादेश और 0.29 फीसदी (44,187) म्यांमार का है. वहीं कोरोना महामारी के दौरान यानी वर्ष 2020 और 2021 में पहले के मुकाबले चीन और श्रीलंका में कम लोगों की जान गई, श्रीलंका में (-)8,833 और चीन में (-)52,063 की. कोरोना महामारी के चलते अप्रत्यक्ष मौत का मतलब इलाज के अभाव में हुई मौत है यानी कि कि महामारी के दौरान जब अस्पतालों में जगह नहीं मिल रही थी तो बहुत से इलाज के अभाव में दम तोड़ गए थे. इसके अलावा इसमें लॉकडाउन के दौरान सड़क दुर्घटनाओं इत्यादि से होने वाली मौतों को भी शामिल किया गया है.