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Covid Vaccine Updates: अंतरराष्ट्रीय अलायंस GAVI का दावा, वैक्सीन एक्सपोर्ट करना सीरम इंस्टीट्यूट की कानूनी जिम्मेदारी

Covid Vaccine Updates: वैक्सीन पर अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए बने एलायंस GAVI का कहना है कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया दूसरे देशों को वैक्सीन मुहैया कराने के लिए कानूनी तौर पर जवाबदेह है. इससे पहले एस्ट्राजेनेका भी वक्त पर वैक्सीन नहीं देने को लेकर SII को लीगल नोटिस भेज चुकी है.

Covid Vaccine Updates: वैक्सीन पर अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए बने एलायंस GAVI का कहना है कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया दूसरे देशों को वैक्सीन मुहैया कराने के लिए कानूनी तौर पर जवाबदेह है. इससे पहले एस्ट्राजेनेका भी वक्त पर वैक्सीन नहीं देने को लेकर SII को लीगल नोटिस भेज चुकी है.

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Reuters
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Schott AG, owned by the Carl Zeiss Foundation, had reported sales of €2.24 billion in 2020.

Schott AG, owned by the Carl Zeiss Foundation, had reported sales of €2.24 billion in 2020.

Covid Vaccine Updates: ग्लोबल वैक्सीन शेयरिंग फैसिलिटी COVAX के लिए वैक्सीन की सप्लाई करना सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की कानूनी जिम्मेदारी है. कंपनी अगर ऐसा नहीं करती तो वो अपने कानूनी दायित्व से पीछे हट रही है. यह दावा वैक्सीन के मामले में सहयोग के लिए बने अंतरराष्ट्रीय अलायंस GAVI ने किया है.  कोवैक्स की अगुवाई करने वाले संगठनों में शामिल GAVI का कहना है कि  कोरोना वैक्सीन का एक्सपोर्ट करने के लिए किए गए समझौते का पालन करना सीरम इंस्टीट्यूट के लिए कानूनी तौर पर बाध्यकारी है. उसके इस रुख से भारत में वैक्सीन की घरेलू जरूरतें पूरी करने में दिक्कत हो सकती है.

भारत में कोरोना संक्रमण एक बार फिर तेजी से बढ़ रहा है और इसके चलते घरेलू मांग को पूरा करने के लिए पिछले महीने वैक्सीन के प्रमुख निर्यात सस्पेंड कर दिए थे. इसके चलते दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी को अपने लगभग पूरे उत्पादन को घरेलू बाजार में आपूर्ति करने के लिए बाध्य होना पड़ा. कई राज्यों ने वैक्सीन की शॉर्टेज को लेकर शिकायत की है.

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एस्ट्राजेनेका पहले ही जारी कर चुकी है लीगल नोटिस

गावी के मुताबिक वैक्सीन सप्लाई को लेकर जो एग्रीमेंट हुआ है वह कानूनी तौर पर लीगली बाइंडिंग है. समझौते के मुताबिक सीरम इंस्टीट्यूट को 110 करोड़ डोज की आपूर्ति करना है जिसमें 20 करोड़ डोज या तो एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के होते या नोवावैक्स के. एसआईआई की सहयोगी एस्ट्राजेनेका पहले ही सीरम इंस्टीट्यूट के खिलाफ वैक्सीन शिपमेंट में देरी को लेकर लीगल नोटिस जारी कर चुकी है.

गावी के मुताबिक यह समझौता उसी दिन से प्रभावी हो गया था जिस दिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 15 फरवरी को एस्ट्राजेनेका शॉट को मंजूरी दिया था. सूत्रों के मुताबिक ये डोज कोवैक्स को मई से भेजे जाने वाले थे. गावी के मुताबिक एसआईआई ने भारत में वैक्सीन की आपूर्ति करने के अलावा प्रॉयोरिटी के आधार पर कोवैक्स को वैक्सीन की आपूर्ति करने को कहा था

कोवैक्स को उम्मीद थी कि फरवरी से मई तक उसे 10 करोड़ से अधिक डोज सप्लाई होगी जिसमें भारत को होने वाली सप्लाई शामिल नहीं है. अब तक कोवैक्स को सिर्फ 1.82 करोड़ डोज की आपूर्ति हुई है. गावी के मुताबिक कोवैक्स के जरिए एसआईआई ने अन्य 10 लाख डोज भारत सरकार को भेजे हैं.

वैक्सीनेशन लक्ष्य बढ़ाने के चलते सीरम इंस्टीट्यूट पर दबाव

भारत सरकार ने अगस्त तक 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन की डोज देने का लक्ष्य तय किया था लेकिन इसके बाद इसे बढ़ाकर 40 करोड़ कर दिया गया. इसके चलते सीरम इंस्टीट्यूट पर सप्लाई बढ़ाने का दबाव बना. इसी हफ्ते एसआईआई के चीफ एग्जेक्यूटिव अदार पूनावाला ने कहा कि भारत जून तक वैक्सीन एक्सपोर्ट को फिर से शुरू कर सकता है. कंपनी ने मई के अंत तक वैक्सीन उत्पादन 6.5-7 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ किए जाने को लेकर केंद्र सरकार से 40.3 करोड़ डॉलर ग्रांट के तौर पर मांगे हैं. एक दिन पहले गुरुवार को विदेश मंत्रालय ने कहा कि घरेलू मांग के आधार पर यह तय किया जाएगा कि वैक्सीन कितना निर्यात होगा. अब तक भारत में 9.2 करोड़ वैक्सीन की आपूर्ति हो चुकी है और 6.45 करोड़ डोज निर्यात किया जा चुका है.