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रूस के खराब तेल ने फिर बढ़ाई मुश्किलें, कच्चा तेल इस साल के रिकॉर्ड ऊंचाई पर

इस साल पहली बार ब्रेंट ऑयल की कीमतें 75 डॉलर (5266 रुपये) प्रति बैरल से अधिक हो गई.

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Reuters
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ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध कठोर होने से भी असर.

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इस साल पहली बार ब्रेंट ऑयल की कीमतें 75 डॉलर (5266 रुपये) प्रति बैरल से अधिक हो गई. इसकी मुख्य वजह रूस से निर्यात होने वाले तेल की खराब गुणवत्ता और अमेरिका द्वारा ईरान पर प्रतिबंधों को और कठोर बनाना है. रूस से निर्यात होने वाले तेल की गुणवत्ता खराब होने की वजह से पोलैंड और जर्मनी ने रूस से ड्रूझबा पाइपलाइन के जरिए खरीद बंद कर दिया है. ट्रेडिंग सोर्सेज के मुताबिक चेक रिपब्लिक ने भी खरीद कम कर दिया है. इस पाइपलाइन के जरिए हर दिन 10 लाख बैरल क्रूड को शिप किया जा सकता है जो कि वैश्निक मांग का 1 फीसदी है. खबरों के मुताबिक खराब गुणवत्ता के कारण 7 लाख बैरल तेल की खरीद रोक दी गई है.

ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध कठोर होने से भी असर

ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण भी क्रूड की कीमतें बढ़ी हैं. इस हफ्ते अमेरिका ने 8 देशों को ईरान पर लगाए गए प्रतिबंध से दी गई आंशिक छूट को भी खत्म कर दिया है. ईरान ओपेक देशों में तीसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक है. अमेरिका ने सभी देशों को चेतावनी दी है कि ईरान से तेल खरीदने वाले देशों को भारी खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. अमेरिका ने यह ढील ऐसे समय में खत्म किया है, जब ओपेक देशों ने इस साल की शुरुआत में उत्पादन कम करने का फैसला किया है.

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