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Deep Fried Stocks: इंडोनेशिया में कम लिक्विडिटी वाले कम से कम 83 शेयरों में 3 साल में 1000 फीसदी या ज्यादा तेजी आई है.
Deep Fried Stocks: इंडोनेशिया के स्टॉक मार्केट में कुछ शेयरों में क्षमता से बढ़कर आई तेजी के चलते नियमों को सख्त करने की मांग बढ़ गई है. ब्लूमबर्ग द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार पिछले 3 साल में कम से कम 83 इंडोनेशियाई कंपनियों के शेयरों में 1000 फीसदी या उससे भी ज्यादा तेजी आई है. ऐसे शेयरों की संख्या वहां कुल लिस्टेड शेयरों की तुलना में 10 फीसदी है. देश के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने रेगुलेटर्स से बाजार में संभावित हेरफेर के चलते मॉनिटरिंग बढ़ाने को कहा है. ऐसे शेयरों को वहां लोकल ट्रेडर्स के बीच "डीप फ्राइड" के रूप में जाना जाता है.
डीप फ्राइड शेयर क्या होते हैं?
ऐसे शेयरों को आमतौर पर बहुत कम एनालिस्ट द्वारा कवर किया जाता है, वहीं इनमें ट्रेडिंग वॉल्यूम भी कम होता है. इनका मालिकाना हक बहुत कम लोगों के पास होता है, वहीं इनका वैल्युएशन भी पियर्स की तुलना में बहुत ज्यादा होता है. लेकिन इनमें कई बार तेजी इनकी क्षमता से कहीं बहुत अधिक देखने को मिलती है. ये बेहद वोलेटाइल हो सकते हैं.
निवेशकों को रिस्क से बचाने के लिए नया वॉचलिस्ट बोर्ड
हालांकि इमर्जिंग मार्केट में इस तरह के कम लिक्विडिटी वाले शेयरों में बहुत ज्यादा तेजी या गिरावट कोई नई बात नहीं है. लेकिन इंडोनेशिया में यह इतने पीक पर पहुंच गई कि रेगुलेटर्स केो अलर्ट होना पड़ गया. इसी के चलते रेगुलेटर्स ने एक नया वॉचलिस्ट बोर्ड पेश किया ताकि वे निवेशकों को इस तरह की कंपनियों की पहचान हो सके और वे इसमें फंसने से बच सकें. इस लिस्ट में अन्य फैक्टर्स के साथ-साथ बिना रेवेन्यू ग्रोथ, शेयर की कम कीमत, लो लिक्विडिटी और डेट रीस्ट्रक्चरिंग के दौर से गुजर रही फर्में शामिल होंगी. कुछ ट्रेडर्स अधिकारियों पर और भी ज्यादा रेगुलेशन के लिए जोर दे रहे हैं.
निवेशकों का विश्वास कम हुआ
इन शेयरों में एक्शन के चलते लगभग 640 बिलियन डॉलर के शेयर बाजार में निवेशकों का विश्वास दांव पर लगा है, जहां लिक्विडिटी इतनी कम हो गई है कि कुछ कंपनियों को पूंजी जुटाने के तरीके के रूप में उच्च लागत वाले बैंक लोन का सहारा लेना पड़ा है. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पिछले साल एक रिपोर्ट में कहा था कि इंडोनेशिया के फाइनेंशियल मार्केट में गहराई नहीं दिख रही, जो ग्रोथ के लिए एक बड़ी चुनौती है. देश के स्टॉक मार्केट कैप का जीडीपी से अनुपात भी दक्षिण पूर्व एशियाई पियर्स में सबसे कम है.
चुनिंदा लोगों को हुआ फायदा
डरप फ्राइड स्टॉक बेहद कम लिक्विडिटी वाले होते हैं. ये बहुत कम लोगों के पास होते हैं और इनमें ट्रेडिंग वॉल्यूम बहुत कम होता है. ऐसे में पिछले 3 साल में इन शेयरों में 1000 फीसदी या ज्यादा तेजी आने से उन चुनिंदा लोगों को ही फायदा हुआ है, जिनके पास ये शेयर हैं. इन शेयरों को रखने वाले कुछ लोग बिलेनियर की लिस्ट में शामिल हो गए हैं.