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वैक्सीन की सेफ्टी के साथ ऑप्टिमल डोज पर शोध होगा. (Image- Bloomberg)
हांगकांग में इंसानों पर अब नाक के एक ऐसे स्प्रे का परीक्षण होने जा रहा है जो इनफ्लुएंजा और कोरोना वायरस दोनों के लिए वैक्सीन का काम करेगी. यह परीक्षण अगले महीने शुरू होगा. इस स्प्रे के परीक्षण की जानकारी हांगकांग यूनिवर्सिटी में माइक्रोबॉयोलाजी डिपार्टमेंट में इनफेक्शस डिजीज के प्रमुख युएन क्वोक युंग ने दी. उन्होंने बताया कि प्रारंभिक चरण पर जो क्लीनिकल ट्रायल होगा उसमें 100 वयस्कों को नामांकित किया जाएगा. यह टीका बाजार में उपलब्ध फ्लू इम्यूनिजेशन (जिससे फ्लू के प्रति प्रतिरोधी क्षमता विकसित की जाती है) जैसे नसल स्प्रे के ही समान है. इस फ्लू इम्यूनिजेशन को इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह वहां काम करता है जहां पर श्वसन वायरस बॉडी के अंदर प्रवेश करते हैं जैसे की नाक.
वैक्सीन की सेफ्टी के साथ ऑप्टिमल डोज पर होगा शोध
युवेन ने एक इंटरव्यू में कहा कि लोगों को इन्फ्लूएंजा और कोविड-19 के विरुद्ध एक साथ सुरक्षा मिले. इस एक्सपेरिमेंटल स्प्रे पर शोध के लिए नार्वे के एपिडेमिक प्रिपेयर्डनेस इनोवेशन और हांगकांग की सरकार मिलकर फंडिंग कर रही है. एक चीनी मैन्युफैक्चरर अगले महीने से पहले चरण के अध्ययन के लिए एक्सपेरिमेंटल वैक्सीन तैयार करेगा. परीक्षण में वैक्सीन कितना सुरक्षित है, इसके अलावा इसकी ऑप्टिमल डोज पर भी शोध हो. इसके परिणाम कुछ महीने बाद सामने आएंगे.
दुनिया भर दर्जनों क्लीनिकल ट्रायल चल रहे
हांगकांग की इस प्रायोगिक नसल स्प्रे के अलावा भी कोविड-19 की रोकथाम को सुरक्षित और प्रभावशाली टीके की खोज के लिए दुनिया भर में दर्जनों क्लिनिकल ट्रायल चल रहे हैं. पिछले ही महीने चीन ने भी एक नसल स्प्रे वैक्सीन का प्रारंभिक अध्ययन शुरू किया है. इसे चीन को शियामेन यूनिवर्सिटी और हांगकांग यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने मिलकर विकसित किया है और इसे बीजिंग वांटाई बायोलॉजिकल फार्मेसी इंटरप्राइज कॉरपोरेशन ने तैयार किया है
जानवरों पर कारगर है नसल स्प्रे
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस नसल स्प्रे के लिए जेनेटिक इंजीनियरिंग का सहारा लिया गया है जो NS1 प्रोटीन को खत्म करेगी और SARS-CoV-2 वायरस के स्पाइक प्रोटीन से लगे हुए डोमेन रिसेप्टर में प्रवेश करेगी. युएन ने बताया की यह जानवरों में प्रभावशाली तरीके से काम करता है.
म्यूकोसल वैक्सीन की अवधारणा पर भी चल रहा काम
यूएन ने यह भी कहा कि दो वायरसों से एक साथ इंसानों को प्रोटेक्ट करने के अलावा इस टीके का एक लक्ष्य और है कि नाक में म्यूकस मेंब्रेन की साइट पर यह प्रतिरोधक क्षमता विकसित करेगा. साइंस जर्नल में प्रकाशित इंपीरियल कॉलेज के वैज्ञानिकों के शोध के मुताबिक स्ट्रांग में म्यूकोसल इम्यून रिस्पांस श्वसन तंत्र से जुड़े इंफेक्शन से लड़ने में मददगार साबित होगी. यूएन के मुताबिक म्यूकोसल वैक्सीन बहुत अच्छा विचार है.