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Covid-19 Vaccine Trial: ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और AstraZeneca की वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रॉयल में एक वॉलंटियर की मौत हो गई है.
Covid-19 Vaccine Trial: कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए दुनियाभर की कई कंपनियां वैक्सीन या दवाएं बनाने में लगी हैं. इन वैक्सीन का लगातार ट्रॉयल किया जा रहा है, जिसमें कुछ अच्छी और कुछ निगेटिव खबरें आ रही हैं. अब ताजा खबर यह आ रही है कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और AstraZeneca की वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रॉयल में एक वॉलंटियर की मौत हो गई है. यह ट्रॉयल ब्राजील में चल रहा था. हालांकि कंपनी का कहना है कि जिस वॉलंटियर की डेथ हुई है, उसे कोरोना वैक्सीन नहीं दी गई थी. ब्लूमबर्ग, वॉशिंगटन पोस्ट सहित कई मीडिया रिपोर्ट में इस घटना की जानकारी दी गई है.
ट्रॉयल जारी रहेगा
बता दें कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और AstraZeneca की वैक्सीन को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा रही है. इस वेक्सीन को लेकर सबसे ज्यादा उम्मीदें लगाई जा रही हैं. हालांकि ब्राजील की हेल्थ अथॉरिटी ने कहा कि वॉलंटियर की मौत कोरोना की वैक्सीन देने से नहीं हुई है, इसलिए वैक्सीन के ट्रायल रोके नहीं जाएंगे. जिस वॉलंटिअर की मौत हुई है वह ब्राजील का था. हालांकि वॉलंटियर की मौत को लेकर ज्यादा जानकारी नहीं दी गई है.
वॉलंटियर के बीमार पड़ने के मामले भी
इससे पहले ब्रिटेन में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैक्सीन परीक्षण को रोकना पड़ा था. ट्रायल के दौरान एक शोधकर्ता वॉलंटियर बीमार हो गया था. हालांकि शोधकर्ताओं का कहना है जब बड़े पैमाने पर परीक्षण होता है तो साइड इफेक्ट का होना सामान्य है.
अक्टूबर में भी एक रिपोर्ट आई थी, जिसमें कोरोना का टीका बनाने की दिशा में एक बहुत बड़ा झटका लगा था. तब मेडिकल उपकरण बनाने वाली अमेरिकी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन (Johnson & Johnson) ने कोरोना वैक्सीन के परीक्षण को रोक दिया था. यह परीक्षण इसलिए रोका गया है क्योंकि जिन लोगों पर इस टीके का परीक्षण करना था, उनमें से एक व्यक्ति बीमार हो गया था. जिसके बाद कोविड-19 वैक्सीन के परीक्षण के लिए खुराक को रोक दिया गया, जिसमें तीसरे चरण का परीक्षण शामिल था. हालांकि यह रोक अस्थाई था.
कभी नहीं जाएगा कोरोना वायरस?
दूसरी ओर कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर ब्रिटेन के शीर्ष वैज्ञानिक सलाहकार के दावे से लोगों की चिंता बढ़ गई है. महामारी के लिए गठित ब्रिटिश सरकार की सलाहकार समिति के एक शीर्ष वैज्ञानिक ने कहा कि कोरोना वायरस को कभी भी खत्म नहीं किया जा सकेगा. यह लोगों के बीच हमेशा बना रहेगा. उन्होंने कहा कि हालांकि, एक वैक्सीन वर्तमान स्थिति को थोड़ा बेहतर बनाने में मदद जरूर करेगी.