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TIME मैगजीन के कवर पर पहली बार दिखेगी एक बच्ची, इंडियन-अमेरिकन गीतांजलि राव बनीं 'Kid of the Year'

साइंटिस्ट और इंवेंटर 15 वर्षीय गीतांजलि राव को 8 वर्ष से 16 वर्ष की उम्र के 5 हजार अमेरिकी बच्चों के बीच चुना गया है.

साइंटिस्ट और इंवेंटर 15 वर्षीय गीतांजलि राव को 8 वर्ष से 16 वर्ष की उम्र के 5 हजार अमेरिकी बच्चों के बीच चुना गया है.

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GITANJALI RAO FEATURED ON TIME MAGAZINE COVER FIRST TIME IN HISTORY A KID INTERVIEWED BY ANGELINA JOLIE

गीतांजलि राव ने 10 वर्ष की उम्र से तकनीकी रिसर्च शुरू किया है. (Image- TIME)

प्रतिष्ठित पत्रिका टाइम मैगजीन (TIME Magazine) 93 साल पूर्व 3 मार्च 1923 से शुरू हुई थी और 97 बाद पहली बार उसके कवर पर किसी बच्चे की तस्वीर होगी. 14 दिसंबर 2020 के अंक के कवर पर टाइम पत्रिका ने पहली बार किसी बच्चे की तस्वीर को प्रकाशित किया है. साइंटिस्ट और इंवेंटर 15 वर्षीय भारतीय-अमेरिकी गीतांजलि राव को 8 वर्ष से 16 वर्ष की उम्र के 5 हजार अमेरिकी बच्चों के बीच चुना गया है.

पत्रिका में गीतांजलि राव का साक्षात्कार प्रकाशित किया गया है जिसे मशहूर अभिनेत्री एंजेलिना जॉली ने लिया है. ऑस्कर अवार्ड जीत चुकी अभिनेत्री एंजेलिना जॉली टाइम की कांट्रिब्यूटिंग एडिटर हैं. गीतांजलि बच्चों को नई खोज के लिए गाइड भी करती है और वह कई बड़े संस्थानों से जुड़ी भी है.

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GITANJALI RAO FEATURED ON TIME MAGAZINE COVER FIRST TIME IN HISTORY A KID INTERVIEWED BY ANGELINA JOLIE 14 दिसंबर 2020 के अंक के कवर पर टाइम पत्रिका ने पहली बार किसी बच्चे की तस्वीर को प्रकाशित किया है.

तकनीक के जरिए सुलझाई आम समस्याएं

गीतांजलि राव को तकनीक की मदद से कई आम हो चुकी समस्याओं को विज्ञान की मदद से सुलझाने और बच्चों को नई खोज के लिए मदद के लिए कवर पृष्ठ पर स्थान दिया गया है. उन्होंने तकनीक की सहायता से प्रदूषित पानी से लेकर नशे की आदत को लेकर समाधान पेश किया है. इसके अलावा साइबरबुलिंग को लेकर भी बेहतर समाधान तैयार किया है. गीतांजलि का लक्ष्य यंग इंवेस्टर्स की ग्लोबल कम्युनिटी तैयार करना है जो दुनिया भर की समस्याओं का समाधान कर सकें. उसका कहना है कि अगर वह कुछ कर सकती है तो यह किसी के लिए भी संभव है.

10 वर्ष की उम्र से शुरू किया तकनीकी रिसर्च

गीतांजलि ने साक्षात्कार में बताया कि जब वह 10 वर्ष की थीं, तब उन्होंने अपने माता-पिता से डेन्वेर वाटर क्वालिटी रिसर्च लैब में कार्बन नैनोट्यूब सेंसर टेक्नोलॉजी में रिसर्च करने की बात कही थी. कार्बन नैनोट्यूब सेंसर कॉर्बन एटम्स के सिलिंड्रिकल मॉलुक्यूल्स हैं जो रासायनिक बदलावों के प्रति बहुत संवेदनशील हैं और इस प्रकार वे पानी में रसायनों की पहचान के लिए बेहतर तकनीक है.

साइबर बुलिंग पर रोक के लिए ऐप और क्रोम एक्सटेंशन

गीतांजलि ने साइबरबुलिंग को रोकने के लिए ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) की मदद से एक ऐप और क्रोम एक्सटेंशन शुरू किया है. इसके जरिए साइबरबुलिंग शुरुआती चरण में ही पकड़ में आ जाता है. गीतंजलि ने बुलिंग वर्ड्स को लेकर एक कोडिंग तैयार किया है. इसके कारण जो शख्स बुलिंग करता है तो उसके शब्द टाइप करते ही यह पकड़ में आ जाता है कि बुलिंग हो रही है. यह लिखते ही सावधान कर देता है कि आप जो शब्द टाइप कर रहे हैं, वह बुलिंग है.

30 हजार बच्चों को कर चुकी है गाइड

गीतंजलि इनोवेशन वर्कशॉप के लिए शंघाई इंटरनेशनल यूथ साइंस एंड टेक्नोलॉजी ग्रुप और रॉयल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग, लंदन से जुड़ी हुई है. इसके अलावा वह ग्रामीण स्कूलों, स्टेम ऑर्गेनाइजेशंस और दुनिया भर के संग्रहालयों से भी जुड़ी हुई है. गीतांजलि अभी तक 30 हजार स्टूडेंट्स को नई खोज के लिए सहयोग कर चुकी है.

Time Magazine