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वारेन बफे भांप गए कोरोना का खतरा! इन कंपनियों में घटाने लगे अपनी हिस्सेदारी

वारेन बफे कोरोनावायरस महामारी के खतरे को भांप गए हैं. यही वजह है कि उनकी कंपनी बर्कशायर हैथवे ने कुछ कंपनियों में हिस्सेदारी घटाई है.

वारेन बफे कोरोनावायरस महामारी के खतरे को भांप गए हैं. यही वजह है कि उनकी कंपनी बर्कशायर हैथवे ने कुछ कंपनियों में हिस्सेदारी घटाई है.

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Bloomberg
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Warren Buffett

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Golbal investor Warren Buffett cutting his airline stakes amid coronavirus pandemic here how much his Berkshire Hathaway reduced holdings वारेन बफे कोरोनावायरस महामारी के खतरे को भांप गए हैं. यही वजह है कि उनकी कंपनी बर्कशायर हैथवे ने कुछ कंपनियों में हिस्सेदारी घटाई है.

दुनिया के दिग्गज निवेश वारेन बफे (Warren Buffett) कोरोनावायरस महामारी (coronavirus pandemic) के खतरे को भांप गए हैं. यही वजह है कि वो कुछ कंपनियों में से अपनी हिस्सेदारी घटा रहे हैं. वारेन बफे की बर्कशायर हैथवे इंक ने इस हफ्ते डेल्टा एयरलाइंस इंक और साउथवेस्ट एयरलाइंस कंपनी में अपने हिस्सेदारी घटा ली. इसकी वजह यह है कि कोरोनावायरस महामारी के चलते ट्रैवल डिमांड में आई ​भारी कमी से इन अमेरिकी कंपनियों के सामने अप्रत्याशित संकट आ गया है.

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बर्कशायर की ओर से दाखिल रेग्युलेटरी फाइलिंग के अनुसार, साउथवेस्ट एयरलाइंस में अपनी होल्डिंग 4 फीसदी और डेल्टा में 18 फीसदी घटाई है. बफे की कंपनी ने एक ऐसी इंडस्ट्री में अपनी हिस्सेदारी घटाई है, जिसमें जबरदस्त गिरावट है. डेल्टा एयरलाइंस की दूसरी तिमाही में सेल्स 90 फीसदी गिरने का अनुमान है. वहीं, प्रतिस्पर्धी कंपनियों के लिए भी इसी तरह का आकलन है.

एयरलाइंस सेक्टर को लंबे समय से वारेन बफे के संदेह के बावजूद तीन साल पहले बर्कशायर ने अमेरिकी एयरलाइंस में निवेश किया था. अब यह कंपनियां आर्थिक मदद के लिए सरकार की तरफ देख रही हैं, क्योंकि वायरस संकट के चलते सभी यात्री घरों में है. यानी, लोग ट्रैवल नहीं कर रहे हैं. आलम यह है कि अमेरिकी एयरलाइन ट्रैफिक में बड़े पैमाने पर फ्लाइट शेड्यूल में कटौती देखी जा सकती है. सप्ताह के दिनों में महज 1.5 लाख यात्री देशभर में यात्रा किये जबकि सामान्य तौर पर 22 लाख से अधिक यात्री इन दिनों में यात्रा करते हैं.

संकट में एयरलाइंस इंडस्ट्री

डेल्टा के सीईओ एड बैस्टन ने कर्मचारियों से कहा है, ''मैं चाहता हूं कि मैं यह आकलन कर लूं कि यह संकट जल्दी समाप्त हो जाए लेकिन हकीकत यह है कि हम नहीं जानते कि यह संकट कितना लंबा चलेगा. वायरस पर कब काबू पाया जाएगा और ग्राहक कब उड़ान भरने के लिए तैयार हैं. दुर्भाग्यवश डेल्टा हर दिन 60 मिलियन डॉलर कैश खत्म कर रही है. हम जानते हैं कि हमने अभी धरातल नहीं देखा है.''

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न्यूयार्क में रोजाना की ट्रेडिंग के दौरान डेल्टा के शेयर 10 फीसदी गिरावट के साथ $20.15 पर बंद हुए थे. साउथवेस्ट और अन्य दूसरी एयरलाइंस का भी यही हाल है. बड़ी अमेरिकी एयरलाइंस का एसएंडपी इंडेक्स इस साल 60 फीसदी तक लुढ़क चुका है. इसमें यूनाइटेड एयरलाइंस होल्डिंग इंक के इंडेक्स में 74 फीसदी की गिरावट आई. अमेरिकी एयरलाइंस ने अब सरकार से मदद के लिए गुहार लगाई है. इसमें 25 अरब डॉलर की नकम सहायता और 25 अरब डॉलर का लोन शामिल है.

बर्कशायर का किस कंपनी में कितना निवेश

डेल्टा, साउथवेस्ट, जेटब्ल्यू एयरवेज कार्प और अलास्का एयर ग्रुप की तरह यूनाइटेड एंड अमेरिकन एयरलाइंस ग्रुप इंक भी मदद मांग रही है. बर्कशायर की यूनाइटेड एंड अमेरिकन एयरलाइंस ग्रुप में भी हिस्सेदारी है. एयरलाइंस की मौजूदा हालत को देखते हुए बर्कशायर के पास अपनी होल्डिंग्स घटाने का पर्याप्त कारण है. बफे की कंपनी का अभी भी डेल्टा में 1.32 अरब डॉलर और साउथवेस्ट में 1.57 अरब डॉलर का निवेश है. बर्कशायर को तिमाही के बीच में ही इसमें बदलाव करना पड़ा क्योंकि एयरलाइंस में उसकी होल्डिंग 10 फीसदी की थ्रेसहोल्ड लिमिट से ज्यादा हो गई थी.

एयरलाइन इंडस्ट्री के आलोचक रहे हैं वॉरेन बफे

वॉरेन बफे लंबे समय से एयरलाइन इंडस्ट्री की आलोचना करते रहे हैं. इससे पहले वे यूएस एयरवेज में अपने निवेश को एक बड़ी चूक बता चुके हैं. वे अमूमन यह व्यंग्य करते रहे हैं कि पूंजीपतियों को राइट ब्रदर्श के जहाज को मार गिरा देना चाहिए था और निवेशकों के लिए पैसे बचाने चाहिए थे. हालांकि, 2016 के आखिर में बर्कशायर ने बड़ी यूएस एयरलाइंस में भारी भारकम निवेश किया. उस वक्त बफे ने कहा था कि प्रतिस्पर्धा कम होने से इंडस्ट्री में कुछ दिक्कतें समाप्त हो गई हैं.

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