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Goldman Sachs का अनुमान है कि इस साल 2021 में चीन की अर्थव्यवस्था 7.8 फीसदी की दर से बढ़ सकती है जबकि इसके पहले यह आकलन 8.2 फीसदी का था.
China GDP Growth: बिजली की किल्लत और उत्पादन में तेज गिरावट के असर से चीन की इकोनॉमी पर बुरा असर पड़ सकता है. वित्तीय सेवाएं उपलब्ध कराने वाली वैश्विक निवेश बैंकिंग, सिक्योरिटीज व इंवेस्टमेंट मैनेजमेंट फर्म गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) ने चीन के जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को कम किया है. Goldman Sachs का अनुमान है कि इस साल 2021 में चीन की अर्थव्यवस्था 7.8 फीसदी की दर से बढ़ सकती है जबकि इसके पहले यह आकलन 8.2 फीसदी का था. वैश्विक फर्म ने जीडीपी ग्रोथ के अनुमान में यह कटौती एनर्जी की शॉर्टेज और औद्योगिक उत्पादन में तेज गिरावट के चलते किया है.
अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 2% गिर सकती है जीडीपी ग्रोथ
पॉवर सप्लाई पर पर्यावरणीय नियंत्रण, सप्लाई से जुड़ी दिक्कतें और कीमतों में तेज उछाल के चलते चीन के उद्योगों को अपने उत्पादन में कटौती को लेकर बाध्य कर दिया है. इसके चलते चीन के कुछ इलाकों में बिजली की निश्चितता प्रभावित हुई है. वैश्विक फर्म गोल्डमैन सैक्स का अनुमान है कि चीन की करीब 44 फीसदी औद्योगिक गतिविधियां प्रभावित हुई है. इसके चलते तीसरी तिमाही में सालाना जीडीपी ग्रोथ में 1 फीसदी की गिरावट आ सकती है. इसके अलावा इसके बाद की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ में 2 फीसदी की गिरावट आ सकती है.
चीन की इकोनॉमी को इस कारण लग रहे झटके
चीन की अर्थव्यवस्था को पहले ही प्रॉपर्टी और टेक सेक्टर पर सरकारी नियंत्रण के चलते झटके लग रहे हैं. इसके अलावा भारी कर्ज से जूझ रही चीन की दिग्गज रीयल एस्टेट कंपनी एवरग्रांड (Evergrande) के कारण भी चीन की इकोनॉमी को झटका लग रहा है. गोल्डमैन सैक्स ने अपने रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि चौथी तिमाही अक्टूबर-दिसंबर 2021 में भी अनिश्चितता बनी रह सकती है. नगदी संकट से जूझ रही एवरग्रांड की समस्या से चीन किस तरह निपटती है, पर्यावरण से जुड़ी चिंता को लेकर उसकी नीतियां किस तरह से रहती हैं, इसे लेकर चीन की इकोनॉमी पर रिस्क बना हुआ है.