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भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद को लेकर रूस का बड़ा बयान आया है. (Twitter/@AmbRus_India)
Russia on India-China Border Dispute: भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद को लेकर रूस का बड़ा बयान आया है. भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव (Denis Alipov) ने शुक्रवार को कहा कि भारत और चीन के बीच सीमा विवाद दोनों देशों के बीच का "द्विपक्षीय मामला" है और रूस इसमें दखल नहीं देना चाहता. उन्होंने इस मामले को लेकर अमेरिका के नेतृत्व वाले पश्चिमी देशों पर कटाक्ष करत हुए कहा कि इससे भारत और चीन के बीच विवाद को बढ़ावा मिल रहा है.
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रूसी राजदूत का बयान
भारत-चीन के बीच के विवादों के सवाल पर अलीपोव ने कहा, “हम इस मामले में बहुत स्पष्ट रहे हैं कि यह भारत और चीन के बीच एक द्विपक्षीय मामला है. हम दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय विवादों के समाधान में शामिल नहीं होना चाहते. हम उन्हें केवल सीमा विवादों का एक त्वरित और शांतिपूर्ण समाधान खोजने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. कुछ ऐसे देश हैं, जो हमारे विचार में भारत और चीन के बीच विवाद को बढ़ावा देते हैं.” रूस ने कहा कि वे चीन के साथ भारत के तनाव के को लेकर सचेत हैं." अलीपोव ने कहा, "जयशंकर (विदेश मंत्री) ने दोहराया है कि एशिया का भविष्य भारत और चीन के बीच सहयोग में है, न कि दोनों के बीच टकराव में. और हम इस तरह के दृष्टिकोण के बहुत समर्थक हैं." रूसी राजदूत की यह टिप्पणी हाल के वर्षों में रूस और चीन के बीच बढ़ते संबंधों और खासकर यूक्रेन पर आक्रमण के मद्देनजर अहम है.
हाल ही में फ्रांस के राष्ट्रपति ने यूनाइटेड नेशन में पीएम मोदी के रूस-यूक्रेन युद्ध पर दिए गए बयान को दोहराया था. वहीं फ्रांस के राष्ट्रपति के बयान पर रूसी राजदूत ने कहा, "आज का युग युद्ध का नहीं है." उन्होंने कहा कि पश्चिमी नेताओं ने बयान का वही हिस्सा पढ़ा जो उनके अनुकूल हो. रूसी राजदूत ने कहा, “पश्चिमी नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में यूक्रेन पर प्रधानमंत्री (पीएम मोदी) की टिप्पणी का हवाला दिया, मेरे विचार से उस बातचीत के कुछ हिस्सों को आसानी से चुन लिया जो उनके अनुकूल हो और उस हिस्से को छोड़ दिया जो उन्हें पसंद नहीं है.”