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भारत में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम चल रहा है और साथ ही दूसरे देशों को निर्यात भी किया जा रहा है.
दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम भारत में 16 जनवरी से शुरू हो चुका है. इसके अलावा भारत ने अपने पड़ोसी देशों के साथ-साथ ब्राजील और मोरक्को जैसे देशों को भी कोरोना महामारी से निपटने के लिए वैक्सीन भेजी है. इसे लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक (डायरेक्टर जनरल) टेड्रोस अधनोम ने भारत का शुक्रिया अदा किया है.अधनोम ने वैक्सीन भेजने के भारतीय प्रयास की सराहना करते हुए कहा, कोरोना महामारी से निपटने को लगातार सहयोग के लिए धन्यवाद भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. महानिदेशक ने ट्वीट में लिखा कि हम मिलकर काम करेंगे, एक-दूसरे से ज्ञान साझा करेंगे तो इस वायरस को रोक सकते हैं और लोगों की जिंदगियां बचा सकते हैं.
तीन दिन में ही 4 पड़ोसी देशों को 32 लाख डोज
20 जनवरी को भारत ने नेपाल, बांग्लादेश, मालदीव और भूटान को फ्री वैक्सीन भेजना शुरू कर दिया है. इन चारों देशों को महज तीन दिन में ही 32 लाख डोज भेजे जा चुके हैं. इसके अलावा भारत सेशेल्स, मॉरीशस, म्यामांर को भी वैक्सीन भेजेगा. अफगानिस्तान और श्रीलंका को वैक्सीन भेजने के लिए एग्रीमेंट्स होने हैं.
शुक्रवार 22 जनवरी को भारत ने कोरोना वैक्सीन की 20 लाख डोज ब्राजील भेजा था. ब्राजील की सीमा पर जब यह वैक्सीन पहुंची तो वहां के राष्ट्रपति जैर एम बोल्सोनारो ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद कहा. बोल्सोनारो ने कहा कि वे भारत के साथ इस प्रकार की साझेदारी कर सम्मानित महसूस कर रहे हैं जिससे वैश्विक आपदा से निपटने में मदद मिलेगी.
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भारत में अब तक 7.86 लाख को लग चुकी वैक्सीन
पीएम मोदी कह चुके हैं कि भारत में जो वैक्सीन तैयाार हो रही है और उसकी जो डिलीवरी क्षमता है, उसका इस्तेमाल कोरोना महामारी से निपटने में पूरी मानवता के लिए होगा. 19 जनवरी को भारत ने पड़ोसी देशों को वैक्सीन भेजने की बात कही. इसके एक दिन बाद वैक्सीन की 1.5 लाख डोज भूटान और 1 लाख डोज मालदीव भेजी गई. 20 लाख से अधिक डोज बांग्लादेश और 10 लाख से अधिक डोज नेपाल भेजी गई. भारत में दो वैक्सीन कोवैक्सीन व कोवीशील्ड को आपातकालीन प्रयोग के लिए मंजूरी मिली है और दुनिया का सबसे बड़ा कार्यक्रम शुरू हो चुका है. भारत में अभी तक 7.86 लाख से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन का टीका लगाया जा चुका है. केंद्र सरकार ने पहले चरण में 3 करोड़ लोगों के वैक्सीनेशन का लक्ष्य रखा है.