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पीएम मोदी ने ब्रिक्स सम्मेलन की वीडियो कांफ्रेंसिंग में आतंकवाद को दुनिया की सबसे बड़ी समस्या बताया.
BRICS Summit: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मेजबानी में आयोजित ब्रिक्स देशों के 12वें सम्मेलन में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद को बड़ी समस्या बताया. उन्होंने कहा कि आतंकवाद दुनिया भर के लिए बहुत बड़ी समस्या है और आतंकियों का समर्थन करने वाले देशों को इस समस्या के लिए जिम्मेदार ठहराना होगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि इस समस्या से संगठित तरीके से ही निपटा जा सकता है. उन्होंने कोरोना महामारी के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था में गिरावट से उबरने में भारत की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया.
Terrorism is the biggest problem facing the world today.
We have to ensure that the countries that support the terrorists are held accountable and this problem is tackled in an organized manner: PM Narendra Modi speaking at BRICS Summit, via video conferencing pic.twitter.com/H8c19Y5DZ0
— ANI (@ANI) November 17, 2020
- उन्होंने कहा कि 2021 में ब्रिक्स के 15 साल पूरे हो रहे हैं और इस अवसर पर सदस्य देशों द्वारा अब तक लिए गए सभी फैसलों का रिपोर्ट बना सकते हैं ताकि उनका मूल्यांकन हो सके.
- पीएम मोदी ने कहा कि यूएन सिक्योरिटी काउंसिल को रिफॉर्म किया जाना चाहिए. उन्होंने ब्रिक्स सहयोगियों से भी इस मुद्दे पर सहयोग की उम्मीद जताई.
- पीएम मोदी ने कहा कि ग्लोबल रिकवरी में भारत की भूमिका बड़ी होगी. इसका एक उदाहरण कोरोना महामारी से निपटने में दुनिया ने देखा जब यहां से 150 देशों को दवाइयां भेजी गई.
- चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग ने महामारी के कारण वैश्वीकरण के विपरीत रूख वाले देशों का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण डिग्लोबलाइजेशन को सपोर्ट करना सही नहीं है और इस समय मैक्रोइकोनॉमिक सपोर्ट को बढ़ाने की जरूरत है.
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हो रहे इस सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी हिस्सा ले रहे हैं. इसमें कोरोना महामारी के प्रभाव को कम करने, आतंकवाद से निपटने, मल्टीलैटरल सिस्टम में सुधार, व्यापार, स्वास्थ्य, ऊर्जा और आपसी सहयोग पर चर्चा होगी.
इस महीने दूसरी बार मोदी-जिनपिंग आमने-सामने
इस महीने यह दूसरी बार है, जब पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग एक-दूसरे के सामने हैं. इससे पहले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में मोदी और जिनपिंग आमने-सामने हुए थे. पीएम मोदी ने उस बैठक में जिनपिंग को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया था. एससीओ की उस बैठक में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी मौजूद थे.
मेजबान रूस ने द्विपक्षीय मुद्दे उठाने से किया मना
इस सम्मेलन की मेजबानी कर रहे रूस ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि इस मंच पर द्विपक्षीय विवादित मुद्दे उठाने के लिए नहीं किया जाएगा. हालांकि रूस ने यह भी कहा है कि ब्रिक्स में भागीदारी से भारत और चीन दोनों को फायदा हुआ है.
ब्रिक्स में पांच देश शामिल
ब्राजील, रूस, इंडिया, चीन, साउथ अफ्रीका से मिलकर BRICS बना है. पहले इसमें साउथ अफ्रीका शामिल नहीं था तो इसे ब्रिक ही कहा जाता था लेकिन 2010 में चीन ने उसे इस ग्रुप में शामिल होने का निमंत्रण भेजा था. उसके शामिल होने के बाद यह ब्रिक्स हो गया. इसकी पहली बैठक 2009 में हुई थी और तब से यह हर साल सदस्य देशों में आयोजित होता रहा है. इस बार यह रूस में 21-23 जुलाई के बीच होना था लेकिन कोरोना महामारी के कारण टल गया और अब यह 17 नवंबर को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आयोजित हो रहा है. अगला ब्रिक्स सम्मेलन भारत में होगा, हालांकि तारीखों का एलान होना बाकी है.
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