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2019-20 की जुलाई-सितंबर अवधि में चालू खाते का घाटा (CAD) कम होकर 6.3 अरब डॉलर या GDP का 0.9 फीसदी पर रहा.
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India's Gold Import: देश का सोना आयात चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-नवंबर अवधि में करीब सात प्रतिशत गिरकर 20.57 अरब डॉलर रह गया. कॉमर्स मिनिस्ट्री के आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2018-19 की इसी अवधि में यह आंकड़ा 22.16 अरब डॉलर था. सोने के आयात में कमी से देश के व्यापार घाटे को कम करने में मदद मिली. 2019-20 के अप्रैल-नवंबर में व्यापार घाटा कम होकर 106.84 अरब डॉलर रहा. एक साल पहले इसी अवधि में व्यापार घाटा 133.74 अरब डॉलर पर था.
जुलाई से आयात में निगेटिव ग्रोथ
सोने के आयात में इस साल जुलाई से ही नकारात्मक वृद्धि है. हालांकि अक्टूबर में यह करीब 5 फीसदी बढ़कर 1.84 अरब डॉलर और नवंबर में 6.6 प्रतिशत बढ़कर 2.94 अरब डॉलर रहा. भारत दुनिया में सोने का सबसे बड़ा आयातक देश है. भारत में मुख्य रूप से ज्वैलरी इंडस्ट्री की मांग को पूरा करने के लिए आयात किया जाता है.
देश का सालाना सोने का आयात 800-900 टन है. सरकार ने व्यापार घाटा और चालू खाते के घाटे पर सोने के आयात के नकारात्मक प्रभाव कम करने के लिये इस साल के बजट में सोने पर आयात शुल्क 10 फीसदी से बढ़ाकर 12.5 फीसदी किया.
ऊंचे टैक्स रेट से शिफ्ट हो रहा बेस
इंडस्ट्री एक्सपर्ट के अनुसार, सेक्टर में काम कर रही कंपनियां हाई टैक्स रेट के चलते अपना मैन्युफैक्चरिंग बेस पड़ोसी देशों में शिफ्ट कर रही हैं. रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्द्धन परिषद (GJEPC) ने आयात शुल्क में कमी की मांग की है. वहीं, रत्न एवं आभूषण निर्यात अप्रैल-नवंबर अवधि में करीब 1.5 फीसदी गिरकर 20.5 अरब डॉलर रहा.
वैल्यू में 3 फीसदी गिरा आयात
वैल्यू के आधार पर देश का सोना आयात 2018-19 में करीब तीन प्रतिशत गिरकर 32.8 अरब डॉलर रहा. आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, 2019-20 की जुलाई-सितंबर अवधि में चालू खाते का घाटा (कैड) कम होकर 6.3 अरब डॉलर या जीडीपी के 0.9 फीसदी पर रहा. एक साल पहले इसी समय यह आंकड़ा 19 अरब डॉलर यानी जीडीपी के 2.9 फीसदी पर था.