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अमेरिकी प्रतिबंधों से BitCoin के सहारे उबरने की योजना, ईरान में तेजी से आगे बढ़ रही 'क्रिप्टो माइनिंग इंडस्ट्री'

ईरान में क्रिप्टो माइनिंग को इंडस्ट्री का दर्जा मिला हुआ है और चीन समेत कई देशों के माइनर्स तेजी से आकर्षित हो रहे हैं.

ईरान में क्रिप्टो माइनिंग को इंडस्ट्री का दर्जा मिला हुआ है और चीन समेत कई देशों के माइनर्स तेजी से आकर्षित हो रहे हैं.

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Reuters
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Iran uses crypto mining to lessen impact of sanctions study finds

ईरान ने प्रतिबंधों से जूझ रही अर्थव्यवस्था के लिए बिटक्वाइन माइनिंग में बेहतर अवसर की पहचान की है जिसके पास हार्ड कैश की किल्लत है लेकिन तेल व प्राकृतिक गैस की अधिकता है.

किसी भी देश पर कारोबारी प्रतिबंधों के कारण उसकी अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. ईरान के साथ भी ऐसा है और उस पर अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते अनुमान लगाया जा रहा था कि उसकी अर्थव्यवस्था इससे उबर नहीं पाएगी. अब एक स्टडी में खुलासा हुआ है कि करीब 4.5 फीसदी Bitcoin की माइनिंग ईरान में होती है जिससे उसे क्रिप्टोकरेंसीज में सैकड़ों करोड डॉलर मिलते हैं. इनका इस्तेमाल आयात बिल चुकाने में किया जा सकता है और अमेरिकी प्रतिबंधों का असर कम हो सकता है. ईरान में माइनिंग को इंडस्ट्री का दर्जा मिला हुआ है.

इस समय जिस स्तर पर ईरान में माइनिंग हो रही है, उससे ब्लॉकचेन एनालिटिक्स फर्म एलिप्टिक की स्टडी के मुताबिक ईरान को सालाना 100 करोड़ डॉलर (7291 करोड़ रुपये) के करीब रेवेन्यू का बिटक्वाइन प्रोड्यूस होगा. अमेरिका ने ईरान पर लगभग पूरी तरह से आर्थिक प्रतिबंध लगाया हुआ है जिसमें ऑयल, बैंकिंग और शिपिंग सेक्टर्स भी शामिल हैं.

माइनिंग के लिए जरूरी एनर्जी की प्रचुरता है ईरान में

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बिटक्वाइन से ईरान को कितनी आय होगी, इसे लेकर एकदम सटीक आंकड़ा देना मुश्किल है. एलिप्टिक ने इसके लिए कैंब्रिज सेंटर्स फॉर अल्टरनेटिव फाइनेंस द्वारा अप्रैल 2020 तक माइनर्स द्वारा संग्रहित डेटा और ईरान की सरकारी पॉवर जेनेरेशन कंपनी द्वारा जनवरी 2021 में माइनर्स द्वारा बिजली खपत की जानकारी को आधार बनाया. जनवरी 2021 में माइनर्स द्वारा 600 मेगावॉट इलेक्ट्रिसिटी की खपत की गई. बिटक्वाइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसीज माइनिंग के जरिए बनाए जाते हैं जिसे माइनिंग कहते हैं और इस प्रक्रिया में कांप्लैक्स मैथमेटिकल प्रॉबल्म्स को सुझलाने के लिए शक्तिशाली कंप्यूटर्स की आपसी प्रतिस्पर्धा होती है. माइनिंग में बहुत एनर्जी की जरूरत होती है और यह मुख्यतः जीवाश्म ईंधन से पैदा की गई इलेक्ट्रिसिटी पर निर्भर है. ईरान में जीवाश्म ईंधन की प्रचुरता है.

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तेजी से आगे बढ़ रही ईरान में क्रिप्टो इंडस्ट्री

ईरान के केंद्रीय बैंक ने दूसरे देशों में माइन की हुई बिटक्वाइन समेत अन्य क्रिप्टोकरेंसीज में ट्रेडिंग पर प्रतिबंध लगाया हुआ है लेकिन स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ब्लैक मार्केट में यह बड़े तौर पर उपलब्ध है. हालांकि ईरान आधिकारिक तौर पर क्रिप्टो माइनिंग को पिछले कुछ वर्षों से एक इंडस्ट्री के रूप में मान्यता दिया हुआ है और इसके लिए सस्ती दरों पर पॉवर भी उपलब्ध करा रहा है. इसके अलावा ईरान की माइनिंग इंडस्ट्री में ऐसे माइनर्स की भी जरूरत रहती है जो बिटक्वाइन माइन कर केंद्रीय बैंक को बेच सकें. सस्ती इलेक्ट्रिसिटी के चलते चीन समेत कई देशों से माइनर्स ईरान की तरफ आकर्षित हुए हैं. ईरान में माइन की हुई क्रिप्टोकरेंसीज से अधिकृत आयात के भुगतान को मंजूरी मिली हुई है.

स्टडी के मुताबिक ईरान ने प्रतिबंधों से जूझ रही अर्थव्यवस्था के लिए बिटक्वाइन माइनिंग में बेहतर अवसर की पहचान की है जिसके पास हार्ड कैश की किल्लत है लेकिन तेल व प्राकृतिक गैस की अधिकता है. स्टडी के मुताबिक ईरान में माइनर्स उतनी इलेक्ट्रिसिटी का उपयोग करेंगे जितनी एक साल में 1 करोड़ बैरल क्रूड ऑयल का उत्पादन करने में जरूरत पड़ती है जोकि वर्ष 2020 में ईरान के कुल निर्यात का 4 फीसदी है.

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