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Israel Hamas war News Latest: उत्तरी गाजा पट्टी में इजरायल के हमले के कारण धुआं और विस्फोट. (AP Photo)
Israel-Hamas war news: इजराइल ने शुक्रवार रात से गाजा पर हवाई और जमीनी हमले भी तेज कर दिए हैं. इजराइल ने गाजा पट्टी में इंटरनेट और संचार के अन्य माध्यम बंद कर दिए हैं, जिससे वहां रहने वाले 23 लाख लोगों का आपस में और बाहरी दुनिया से संपर्क कट गया है. वहीं दूसरी तरफ संयुक्त राष्ट्र (UN) में इजरायल-हमास जंग तत्काल रोकने का प्रस्ताव पारित हुआ है. “नागरिकों की सुरक्षा और कानूनी और मानवीय दायित्वों को कायम रखना” नाम वाले प्रस्ताव को भारी बहुमत से अपनाया गया, संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 193 सदस्यों में से 121 देशों ने इस प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया. 14 देशो ने इसके खिलाफ और भारत समेत 44 देशों ने मतदान से दूरी बना ली. भारत के अलावा, मतदान से दूरी बनाने वाले देशों में ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी, जापान, यूक्रेन और यूके शामिल थे.
गाजा पर इजराइल के तेज हमले जारी
इजराइल के सैन्य प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने कहा कि गाजा में जमीनी बलों ने शुक्रवार शाम से ‘‘अपनी गतिविधि बढ़ा’’ दी है. इजराइल की सेना ने कहा कि वह इलाके में जमीनी अभियान ‘‘व्यापक’’ कर रही है. सेना की यह घोषणा इस बात का संकेत देती है कि वह गाजा पर संपूर्ण आक्रमण के नजदीक पहुंच रही है. उसने गाजा में हमास आतंकियों का पूरी तरह से सफाया करने का प्रण लिया है. इजराइल के हवाई हमलों के कारण हुए विस्फोट से गाजा सिटी के आसमान में लगतार चमक दिखाई देती रही.
इंटरनेट ठप, करीब एक हफ्ते से अंधेरे में डूबा हुआ है गाजा
फिलिस्तीन के टेलीकॉम प्रोवाइडर ‘पालटेल’ ने कहा कि बमबारी के कारण इंटरनेट, सेल्युलर और लैंडलाइन सेवाएं ‘पूर्ण रूप से बाधित’ हो गईं हैं. संचार ठप होने का तात्पर्य यह है कि हमले में लोगों के मारे जाने और जमीनी कार्रवाई के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाएगी. हालांकि, क्षेत्र में कुछ सैटेलाइट फोन काम कर रहे हैं. गाजा एक हफ्ते से बिजली नहीं होने से अंधेरे में डूबा हुआ है. फिलिस्तीन के लोग खानी, पानी और अन्य बेसिक चीजों की समस्या से भी जूझ रहे हैं.
संपर्क टूटने से लोग परेशान
गाजा के लोग उस वक्त दशहत में आ गए, जब मैसेजिंग ऐप अचानक बंद होने के कारण फैमिली के सदस्यों, करीबियों और परिजनों के साथ उनका संपर्क कट गया और कॉल आने बंद हो गए. वेस्ट बैंक के रामल्ला शहर में महिलाओं की एक संस्था की निदेशक वफ़ा अब्दुल रहमान ने कहा, ‘‘मैं बहुत डर गई. मेरी कई घंटों से मेरे परिवार से कोई बातचीत नहीं हुई है.’’
कब्जे वाले क्षेत्रों के लिए संयुक्त राष्ट्र के मानवीय समन्वयक लिन हेस्टिंग्स ने सोशल मीडिया मंच ‘X’ पर पोस्ट किया कि फोन और इंटरनेट सेवा के बिना अस्पताल और सहायता अभियान संचालित नहीं हो सकेंगे. वहीं, रेड क्रिसेंट ने कहा कि वह चिकित्सा दलों से संपर्क नहीं कर पा रहा है और निवासी एम्बुलेंस सेवा को फोन नहीं कर पा रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय सहायता समूहों ने कहा कि वे सैटेलाइट फोन के इस्तेमाल से केवल कुछ कर्मचारियों से ही संपर्क कर सके हैं.