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टोक्यो में मास्क पहवकर पैदल घूमते हुए लोग. (AP Photo: Shuji Kajiyama, File, 12 अगस्त 2022)
जापान की युवा पीढ़ी अपनी पिछली पीढ़ी की तुलना में कम ड्रिंक कर रही है तो अब राष्ट्रीय टैक्स एजेंसी कंपटीशन आयोजित करा रही है ताकि इस ट्रेंड को पलटा जा सके. रेवेन्यू कलेक्शन में गिरावट के चलते जापान सरकार युवाओं को देश में इसकी खपत बढ़ाने के लिए आइडियाज मंगाए हैं. जापान की राष्ट्रीय टैक्स एजेंसी ने ‘Sake Viva’ प्रतियोगिता का आयोजन किया है. इसमें युवाओं को अपने बिजनेस प्लान सबमिट करने हैं ताकि सेक, शोचू, अवामोरी, बियर जैसे एल्कोहॉलिक प्रोडक्ट को प्रमोट किया जा सके.
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क्यों पड़ी बढ़ावा देने की जरूरत?
जापान में लिक्वर इंडस्ट्री में लगातार गिरावट दिख रही है. राष्ट्रीय टैक्स एजेंसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2020 में ओवरऑल टैक्स कलेक्शन में 1.9 फीसदी लिक्वर की थी जबकि इसके 10 साल पहले वित्त वर्ष 2010 में यह 3.3 फीसदी पर थी. 2000 में यह 3.6 फीसदी पर थी और 1994 में लिक्वर टैक्स कलेक्शन कुल टैक्स कलेक्शन का 4.1 फीसदी पर था. वर्ष 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक लिक्वर का टैक्सेबल वॉल्यूम वर्ष 1999 से ढलान पर है जब यह अपने पीक पर था.
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इन कारणों से टूटी लिक्वर इंडस्ट्री की कमर
- जापान में पहले बियर सबसे अधिक बिकने वाला टैक्सेबल लिक्वर प्रोडक्ट था लेकिन इसके बाद लोगों की पसंद में बदलाव दिखा और स्पार्कलिंग लिक्वर, चुहाई और बियर के समान प्रोडक्ट्स जैसे कम कीमत वाले लिक्वर को बियर के ऊपर प्रमुखता मिलने लगी.
- कोरोना के चलते भी लिक्वर इंडस्ट्री प्रभावित हुई. इससे लॉकडाउन के दौरान रेस्तरां में इसकी खपत प्रभावित हुई. लॉकडाउन में ढील के बाद खपत बढ़ी है लेकिन प्राइस हाइक के चलते इसकी बिक्री प्रभावित दिख रही है.
- Sake Viva की वेबसाइट के मुताबिक कोरोना महामारी के अलावा जन्म दर में गिरावट और बुजुर्गों की बढ़ती संख्या भी लिक्वर इंडस्ट्री के लिए निगेटिव साबित हो रही है. वर्ष 2020 के आईएमएफ की रिपोर्ट के मुताबिक 48.4 वर्ष की माध्य आयु के साथ जापान दुनिया का सबसे उम्रदराज देश है. इसके अलावा जापान की जनसंख्या अभी 12.7 करोड़ है जो वर्ष 2060 तक और सिकुड़ सकती है.
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‘Sake Viva’ से क्या करने की कोशिश में है सरकार?
‘Sake Viva’ की वेबसाइट के मुताबिक 20-39 वर्ष के लोग जापानी लिक्वर इंडस्ट्री में तेजी लाने के लिए अपने बिजनेस प्लान सबमिट कर सकते हैं. इस प्रतियोगिता में दुनिया भर से एंट्रीज मंगाई गई है और इसमें 9 सितंबर तक भेज सकते हैं. जो बिजनेस प्लान चुना जाएगा, वह 10 नवंबर को टोक्यो में होने वाले टूर्नामेंट में हिस्सा मिलेगा.
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लिक्वर को बढ़ावा देने के आरोपों पर टैक्स एजेंसी की सफाई
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक लिक्वर को बढ़ावा देने को लेकर जापान की राष्ट्रीय टैक्स एजेंसी का कहना है कि वह लोगों को अधिक मात्रा में ड्रिंक करने के लिए नहीं कह रही है और यह प्रतियोगिता सिर्फ इकनॉमिक ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए कोशिशों पर है. जून में एक जापानी डेली द अशाही शिंबून ने क्योटो यूनिवर्सिटी का एक सर्वे पेश किया था जिसके मुताबिक कोरोना महामारी के दौरान घरों में एल्कोहॉल की खपत बढ़ी थी और इसके चलते इससे जुड़ी बीमारियों में भी उछाल आया था. अप्रैल-जून 2020 में एल्कोहॉल से जुड़ी लिवर या पैनक्रियास की बीमारियों में कोरोना महामारी से पहले के मुकाबले 1.2 गुना अधिक लोग अस्पताल में भर्ती हुए.
(इनपुट: इंडियन एक्सप्रेस)