/financial-express-hindi/media/post_banners/6i5K5H5nIrRt4XChmpLQ.jpg)
McKinsey & Co plans to eliminate about 2,000 positions.
McKinsey & Co Fired its 2000 Employees: हाल-फिलहाल कई नामी-गिरामी कंपनियां हैं जिन्होंने छटनी का रुख अपनाया है. अब इसमें दिग्गज कंसल्टिंग कंपनी मैकिन्से एंड कंपनी (McKinsey & Co) का भी नाम जुड़ गया है. कंसल्टिंग फर्म जो आमतौर पर कर्मचारियों की कमी के मामले में अन्य कंपनियों की मदद करती है, वह अपनी खुद की छंटनी करेगी. मैकिन्से करीब अपने सबसे बड़े छंटनी के दौर में लगभग 2000 लोगों को नौकरियों से हटाने की योजना बना रही है. ब्लूमबर्ग न्यूज ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि मैकिन्से में मैनेजमेंट टीम को उम्मीद है कि ये नौकरी में कटौती "अपने भागीदारों के लिए मुआवजे के पूल को बनाए रखने में मदद करेगी".
ब्लूमबर्ग के रिपोर्ट में क्या है?
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस कदम से सपोर्ट स्टाफ पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है, जिनका कंपनी के ग्राहकों से सीधा संपर्क नहीं है. कंपनी के प्रवक्ता ने रॉयटर्स को एक ईमेल बयान में कहा, "हम एक दशक से अधिक समय में पहली बार हमारी नॉन-क्लाइंट-सर्विंग टीमों के ऑपरेशन के तरीके को फिर से डिज़ाइन कर रहे हैं, ताकि ये टीमें हमारी फर्म के साथ प्रभावी ढंग से विस्तार कर सकें." ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है कि छंटनी प्रोजेक्ट मैगनोलिया का एक हिस्सा है, जिसके बारे में कंसल्टिंग फर्म को उम्मीद है कि वह अपने भागीदारों के मुआवजे के पूल को बनाए रखने में मदद करेगी.
इन कंपनियों में जारी छंटनी का दौर
पिछले हफ्ते फाइनेंशियल टाइम्स ने बताया कि केपीएमजी संयुक्त राज्य अमेरिका में अपने कर्मचारियों की संख्या में करीब 2% की कटौती कर रहा है. इससे पहले नवंबर 2022 में मेटा ने 11000 कर्मचारियों की छंटनी करने के अपने फैसले की घोषणा की थी. इसका मोटे तौर पर मतलब था कि कंपनी अपने लगभग 13 फीसदी कर्मचारियों को अलविदा कह दिया है. इसके अलावा अक्टूबर 2022 के अंत में जब एलन मस्क ने ट्विटर का अधिग्रहण किया, उसके बाद से ट्विटर ने 7500 यानी 50 फीसदी कर्मचारियों को निकाल दिया. हाल ही में एक अलग रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्विटर जल्द ही और कर्मचारियों को निकाल सकता है. यही नहीं, अमेजन ने भी हाल ही में 1800 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया है. हालांकि ये फेहरिस्त अभी लंबी है और दुनिया के तमाम कंपनियों, खासतौर से आईटी सेक्टर में ले-ऑफ का दौर जारी है और माना जा रहा है कि आगे इसमें और बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है.