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डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन के मुताबिक बूस्टर डोज की जरूरत नहीं दिख रही है. हालांकि उन्होंने कहा कि इस मामले में और अधिक रिसर्च की जरूरत है.
Covid Booster Dose: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक कोरोना वायरस से बचाव के लिए बूस्टर डोज की जरूरत नहीं है. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक इस समय तक जो भी आंकड़े उपलब्ध हैं, उसके मुताबिक इसकी जरूरत नहीं दिख रही है. दुनिया भर में कोरोना महामारी का खतरा लगातार बना हुआ है और इसके खिलाफ सबसे प्रभावी हथियार के तौर पर वैक्सीनेशन कार्यक्रम भी तेजी से चल रहा है. वहीं कुछ देश बूस्टर डोज के लिए भी योजना बना रहे हैं. ऐसे में डब्ल्यूएचओ का कहना है कि जिन लोगों को कोरोना से संक्रमित होने का अधिक खतरा है, उन्हें अमीर देशों द्वारा बूस्टर डोज का विकल्प आजमाने से पहले ही जल्द से जल्द वैक्सीन की दोनों डोज ले लेनी चाहिए.
डब्ल्यूएचओ की यह टिप्पणी अमेरिकी सरकार के फैसले से पहले आई है कि वह सभी अमेरिकियों के लिए दुनिया भर में 20 सितंबर से बूस्टर डोज उपलब्ध कराने की योजना बना रहा है. अमेरिका के मुताबिक कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट से संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं जिसके चलते बूस्टर डोज की योजना बनाया जा रहा है. बता दें कि डेल्टा वैरिएंट से वैक्सीनेटेड लोग भी संक्रमित हो रहे हैं.
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अभी और शोध की जरूरत: WHO मुख्य वैज्ञानिक
डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन से कोरोना वायरस के खिलाफ अधिक सुरक्षा के लिए बूस्टर डोज की जरूरत के बारे में पूछा गया था. उन्होंने जेनेवा न्यूज कांफ्रेंस में कहा कि इस समय जो भी डेटा उपलब्ध हैं, उसके मुताबिक बूस्टर डोज की जरूरत नहीं दिख रही है. हालांकि उन्होंने कहा कि इस मामले में और अधिक रिसर्च की जरूरत है.
पर्याप्त वैक्सीन उपलब्ध लेकिन सही जगह नहीं
डब्ल्यूएचओ के वरिष्ठ सलाहकार ब्रूस एइलवार्ड ने अमीर देशों द्वारा बूस्टर डोज को लगाएअ जाने का संदर्भ देते हुए कहा कि दुनिया भर में पर्याप्त वैक्सीन उपलब्ध हैं लेकिन यह सही क्रम में सही जगह पर उपलब्ध नहीं है. उन्होंने कहा कि दुनिया भर में कोरोना का खतरा बना हुआ है और सबसे पहले लोगों को वैक्सीन की दो डोज उपलब्ध कराई जानी चाहिए. इसके बाद ही बूस्टर डोज के बारे में सोचा जाना चाहिए. डब्ल्यूएचओ के वरिष्ठ सलाहकार का कहना है कि अभी हम लोगों को वैक्सीनेशन के मामले में अभी बहुत लंबा सफर करना है.