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हेपेटाइटिस सी के वायरस की खोज के लिया मिला सम्मान. Image Source- Nobel Twitter
चिकित्सा के लिए दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार नोबेल पुरस्कार की घोषणा हो चुकी है. 2020 के लिए यह पुरस्कार दो अमेरिकन वैज्ञानिक हार्वे जे ऑल्टर और माइकल हॉफटन व ब्रिटिश वैज्ञानिक चार्ल्स एम राइस को संयुक्त रूप से दिया गया है. उन्हें यह सम्मान हेपेटाइटिस सी वायरस की खोज के लिए मिला है. नोबेल समिति के प्रमुख थॉमस पर्लमन ने स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में इस पुरस्कार की घोषणा की. तीनों वैज्ञानिकों को पुरस्कारस्वरूप 8.2 करोड़ रुपये मिलेंगे जिसे तीनों में बराबर बांटा जाएगा.
हर साल वायरस से होती ही 4 लाख मौत
इस बीमारी की वजह से दुनिया भर में लोगों को सिरोसिस और लीवर कैंसर जैसी गंभीर का शिकार होना पड़ता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन का आकलन है कि दुनिया भर में हेपेटाइटिस वायरस के करीब 7 करोड़ मरीज हैं और इस वायरस के कारण हर साल करीब चार लाख लोग अपनी जान गंवा देते हैं. हेपेटाइटिस सी के वायरस की खोज के बाद खून का परीक्षण और जरूरी दवाइयों का निर्माण संभव हुआ है जिससे कई लोगों की जान बचाई जा सकी है.
छह श्रेणियों में मिलता है नोबेल
नोबेल पुरस्कार छह श्रेणियों में दिए जाते हैं और इसकी घोषणा इस बार 5-12 अक्टूबर के बीच होगी. इसमें चिकित्सा श्रेणी के पुरस्कारों की घोषणा हो चुकी है और अब भौतिकी, रसायन, साहित्य, शांति और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में इसकी घोषणा होनी बाकी है.
कोरोना महामारी के दौर में चिकित्सा नोबेल
कोरोना महामारी के दौर में चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल की महत्ता और भी बढ़ गई है क्योंकि इससे समाज और अर्थशास्त्रियों का ध्यान स्वास्थ्य क्षेत्र में शोध की जरूरत महसूस होगी. बता दें कि कोरोना वायरस के लिए इस समय दुनिया भर के वैज्ञानिक लगातार कोशिश कर रहे हैं और इस वायरस के लिए टीका बनाने के लिए प्रयासरत हैं. अब तक इस वायरस से दुनिया भर में 3.5 करोेड़ से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं और 10 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.