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Image: Reuters
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मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड और कुख्यात आतंकवादी व जमात उद दावा प्रमुख हाफिज सईद (Hafiz Saeed) को पाकिस्तान की एक आतंकवाद निरोधक अदालत ने आतंकवाद को वित्त पोषण करने के दो मामलों में 11 साल की सजा सुनाई है. साथ ही 30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. संयुक्त राष्ट्र से आतंकवादी घोषित सईद को पिछले साल 17 जुलाई को आतंकवाद के वित्त पोषण के मामले में गिरफ्तार किया गया था. वह उच्च सुरक्षा वाली लाहौर की कोट लखपत जेल में बंद है. अमेरिका ने सईद पर एक करोड़ डॉलर का इनाम भी रखा है.
अदालत के एक अधिकारी ने पुष्टि की है कि पंजाब प्रांत में आतंकवाद को वित्त पोषण करने के मामले में इस कुख्यात आतंकवादी को सजा सुनाई गई है. पंजाब पुलिस के आतंकवाद विरोधी विभाग के आवेदन पर उसके खिलाफ लाहौर एवं गुजरांवाला शहर में ये दोनों मामले दर्ज किए गए थे.
11 दिसंबर को दिया गया था दोषी करार
अदालत ने दोनों मामलों में सईद को साढ़े पांच साल-साढ़े पांच साल कैद की सजा सुनाई और दोनों मामलों में 15-15 हजार का जुर्माना भी लगाया. अधिकारी ने बताया कि दोनों मामलों की सजा साथ-साथ चलेंगी. आतंकवाद निरोधक अदालत ने आतंकवाद को वित्त पोषण करने के मामलों की रोजाना सुनवाई करते हुए 11 दिसंबर को सईद एवं उसके एक सहयोगी को दोषी करार दिया था.
पिछले शनिवार को लाहौर आतंकवाद निरोधक अदालत (एटीसी) के न्यायाधीश अरशद हुसैन भुट्टा ने सईद के खिलाफ आतंकवाद को वित्त पोषण के दोनों ममलों में सजा को 11 फरवरी तक टाल दिया था. दोनों मामलों में अभियोजन पक्ष ने एटीसी में 20 या इससे अधिक गवाह पेश किए, जिन्होंने सईद और उसके सहयोगी के खिलाफ गवाही दी. सईद ने दोनों मामलों में अपनी गलती नहीं स्वीकारी.
सईद और उसके साथियों के खिलाफ 23 मामले दर्ज
काउंटर टेररिज्म विभाग ने सईद और उसके साथियों के खिलाफ 23 मामले दर्ज किए हैं. उनके खिलाफ पंजाब प्रांत के विभिन्न शहरों में आतंकवाद का वित्त पोषण करने का आरोप है. सईद के खिलाफ ये मामले लाहौर, गुजरांवाला एवं मुल्तान में दर्ज किए गए थे. उसके खिलाफ विभिन्न ट्रस्ट एवं संपत्तियों के माध्यम से आतंकवाद के वित्त पोषण के लिए कोष उगाही करने का आरोप था. इनमें अल अंफाल ट्रस्ट, दावतुल इरशाद ट्रस्ट, मुआज बिन जबाल ट्रस्ट आदि शामिल हैं.
राष्ट्रीय सुरक्षा कमेटी के निर्देश पर जांच हुई शुरू
काउंटर टेररिज्म विभाग (सीटीडी) के अनुसार प्रतिबंधित संगठनों जमात उद दावा एवं लश्कर ए तैयबा के खिलाफ वित्त पोषण के मामले में सईद एवं संबंधित संगठनों के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों को लागू करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा कमेटी के निर्देश पर जांच शुरू की गई थी. प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में नेशनल एक्शन प्लान को लागू करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा कमेटी की एक जनवरी 2019 को यहां बैठक हुई थी, इसी बैठक में यह निर्देश दिया गया था.