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पेगासस को लेकर दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन ने बड़ी कार्रवाई की है. अमेजन वेब सर्विसेज (AWS) ने इजराइल की सर्विलांस कंपनी एनएसओ ग्रुप से जुड़े हुए इंफ्रास्ट्रक्चर व अकाउंट्स को बंद कर दिया है. (File Photo- Reuters)
Pegasus Controversy: पेगासस को लेकर दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन ने बड़ी कार्रवाई की है. अमेजन वेब सर्विसेज (AWS) ने इजराइल की सर्विलांस कंपनी एनएसओ ग्रुप से जुड़े हुए इंफ्रास्ट्रक्चर व अकाउंट्स को बंद कर दिया है. एनएसओ ग्रुप वही कंपनी है जो पेगासस की बिक्री करती है. एडब्ल्यूएस के इस कदम का खुलासा वाइस ने किया है. अमेजन ने यह कदम वैश्विक इंवेस्टिगेटिव प्रोजेक्ट के तहत हुए खुलासे के एक दिन बाद उठाया है. इंवेस्टिगेटिव प्रोजेक्ट के तहत खुलासा हुआ है कि पेगासस स्पाईवेयर के जरिए कई देशों में लोगों की जासूसी की गई जिसमें भारत के भी 300 मोबाइल फोन नंबर शामिल हैं. एडब्ल्यूएस के प्रवक्ता ने मदरबोर्ड को बताया कि इस स्पाईवेयर के जरिए लोगों की जासूसी की जानकारी होते ही इसकी बिक्री करने वाली कंपनी से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर और खातों तो तुरंत बंद कर दिया गया.
अमजेन क्लाउडफ्रंट की सेवाओं के जरिए भेजी गई इंफो
वाइस की रिपोर्ट के मुताबिक जिस फोन में पेगासस मालवेयर था, उससे अमेजन क्लाउडफ्रंट द्वारा दी जा रही सर्विस को सूचना भेजी गई. क्लाउडफ्रंट अमेजन का एक कंटेंट डिलीवरी नेटवर्क है जोकि कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक डेटा, वीडियोज, एप्लीकेशंस और एपीआई को अपने ग्राहकों तक एक डेवलपर फ्रेंडली एनवॉयरमेंट में सुरक्षित तरीके से तेज स्पीड से पहुंचाता है. द वायर के मुताबिक लीक हुए ग्लोबल डेटाबेस में करीब 50 हजार टेलीफोन नंबर्स हैं और सबसे पहले फ्रांस की नॉन-प्रॉफिट फॉरबिडेन स्टोरीज और एमनेस्टी इंटरनेशनल को यह डेटा मिला. एनएसओ ग्रुप के मुताबिक पेगासस को आतंकवाद व अपराध से लड़ने के उद्देश्य से सिर्फ सरकारी एजेंसियों को बेचा गया है लेकिन कई देशों में इसका इस्तेमाल लोगों की जासूसी करने के आरोप लगते रहे हैं.
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भारत में इन्हें बनाया गया निशाना
वैश्विक स्तर पर जिस इंवेस्टिगेटिव प्रोजेक्ट के तहत यह खुलासा हुआ है, उसमें डिजिटल न्यूज प्लेटफॉर्म द वायर भी शामिल है. इस खुलासे के मुताबिक भारत में दो वर्तमान केंद्रीय मंत्री, विपक्ष के तीन नेता, एक संवैधानिक अथॉरिटी और कुछ पत्रकार व कारोबारी लोगों की जासूसी की गई. खुलासे के मुताबिक जिन लोगों की जासूसी की गई, उसमें कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल व अश्विनी वैष्णव, राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के भतीजे व तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी और वायरलॉजिस्ट गंगदीप कांग के नाम शामिल हैं. इसके अलावा रिपोर्ट के मुताबिक इंडियन एक्सप्रेस समेत कई दिग्गज मीडिया संस्थानों के बड़े पत्रकारों को भी पेगासस का निशाना बनाया गया. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस मसले पर कहा कि आप क्रोनोलॉजी समझिए, यह भारत की छवि खराब करने की कोशिश है. शाह ने कहा कि इस रिपोर्ट और फिर संसद में व्यवधान को जोड़कर देखने की आवश्यकता है.
(सोर्स: इंडियन एक्सप्रेस)