/financial-express-hindi/media/post_banners/tdVp04GwSe8lJgeJ7uDQ.jpg)
The study has been carried in the Morbidity Mortality Weekly Report from the US Centers for Disease Control and Prevention (CDC).
कोरोना वायरस का डेल्टा वेरिएंट, जिसकी सबसे पहले पहचान भारत में की गई थी, यूके में मिले अल्फा वेरिएंट के मुकाबले अस्पताल में भर्ती होने के जोखिम को दोगुना करता है. लेकिन Pfizer और AstraZeneca की वैक्सीन स्ट्रेन के खिलाफ अच्छी सुरक्षा देती हैं. The Lancet जरनल में छपी एक स्टडी में यह बात सामने आई है. पब्लिक हेल्थ स्कॉटलैंड और यूनिवर्सिटी ऑफ Edinburgh, UK के शोधकर्ताओं ने पाया कि Pfizer-BioNTech की वैक्सीन ऑक्सफोर्ड-AstraZeneca वाली (जिसका भारत में नाम कोविशील्ड है) की तुलना में डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ ज्यादा बेहतर सुरक्षा देती है.
यह विश्लेषण 1 अप्रैल से 6 जून 2020 की अवधि के बीच किया गया है. टीम ने 19,543 कन्फर्म SARS-CoV-2 संक्रमणों का विश्लेषण किया, जिनमें से 377 को कोविड-19 के लिए स्कॉटलैंड में अस्पताल में भर्ती कराया गया था. करीब 7,723 मामले और अस्पताल में भर्ती 134 कोरोना मरीजों में कोरोना वायरस का डेल्टा वेरिएंट पाया गया.
Pfizer वैक्सीन ज्यादा कारगर: स्टडी
स्टडी में पाया गया है कि Pfizer वैक्सीन अल्फा वेरिएंट के खिलाफ 92 फीसदी और डेल्टा स्ट्रेन के खिलाफ 79 फीसदी सुरक्षा देती है. यह सुरक्षा दूसरी डोज लगने के दो हफ्तों बाद मिलती है.
शोधकर्ताओं ने कहा कि AstraZeneca की वैक्सीन में, डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ 60 फीसदी सुरक्षा और अल्फा वेरिएंट के खिलाफ 73 फीसदी सुरक्षा मिली है. उन्होंने यह भी पाया कि वैक्सीन की दो डोज में सिंगल डोज के मुकाबले डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ कहीं ज्यादा बेहतर सुरक्षा मिलती है.
स्टडी करने वालों ने जिक्र किया कि डेल्टा वेरिएंट ऑफ कंसर्न (VOC) वाले मामलों में कोरोना से अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम अल्फा VOC की तुलना में लगभग दोगुना हो गया था, जिसमें विशेषकर पांच या उससे ज्यादा कोमोर्बिटीज वाले मरीजों में भर्ती होने की संभावना बढ़ गई. उन्होंने कहा कि दोनों ऑक्सफोर्ड-AstraZeneca और Pfizer-BioNTech की कोविड-19 वैक्सीन SARS-CoV-2 संक्रमण का जोखिम कम करने और डेल्टा VOC वाले मामलों में अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम घटाने में प्रभावी हैं.
हालांकि, शोधकर्ताओं ने पाया कि डेल्टा वेरिएंट वाले मामलों पर यह प्रभाव अल्फा से तुलना करने पर कम हैं.
(Input: PTI)