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Pfizer reported few details on side effects but said rates of problems were similar between the groups at about 20%. (File/Reuters)
दुनिया भर में कोरोना वायरस का प्रकोप एक बार फिर बढ़ रहा है. अमेरिका में बढ़ते केसेज के बीच मंगलवार को कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनी के शेयर रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए. फाइजर के शेयर 48.25 अमेरिकी डॉलर (3591.37 रुपये) के भाव पर पहुंच गए और इंट्रा-डे के दौरान यह 48.57 डॉलर (3615.19 रुपये) के भाव तक चढ़ गया था. फाइजर के शेयर 20 साल में पहली बार इस रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचे थे. इससे पहले फाइजर के शेयर इंट्रा-डे में 12 अप्रैल 1999 को 47.44 डॉलर की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचे थे.
हालांकि अगर पर्सेंटेंज में गेन की बात करें तो इसके शेयर नवंबर के बाद से पहली बार इतना अधिक मजबूत हुए हैं. नवंबर में फाइजर ने अपनी कोरोना वैक्सीन से जुड़े पॉजिटिव डेटा को पेश किया था तो उसके शेयरों में जबरदस्त इंट्रा-डे उछाल देखा गया था. अमेरिका में डेल्टा वैरिएंट का कहर तेजी से बढ़ रहा है और इसके चलते अमेरिका में कोरोना केसेज और हॉस्पिटलाइजेशन छह महीनों के शीर्ष पर है.
इन कारणों से बढ़ रही Pfizer के शेयरों की खरीदारी
गबेली फंड्स के पोर्टफोलियो मैनेजर जेफ जोन्स के मुताबिक वैक्सीन को लेकर अब आखिरकार कंपनी को क्रेडिट मिल रहा है. जोन्स के पास फाइजर के शेयर हैं. जोन्स के मुताबिक निवेशकों ने इससे पहले वैक्सीन को एक बार का खर्च माना था लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो रहा और यह एक ड्यूरेबल बिजनेस होगा. इसके अलावा जोन्स का मानना है कि फाइजर अपनी वैक्सीन की तकनीक का इस्तेमाल अन्य प्रकार की बीमारियों के लिए भी कर सकेगा. इसके चलते फाइजर के शेयरो में मजबूती आई है.
फाइजर के अलावा अमेरिका की एक और कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनी मोडेर्ना के शेयरों की खरीदारी बढ़ी है. मोडेर्ना के शेयर जुलाई के मध्य से 78 फीसदी तक चढ़ चुके हैं. जुलाई के मध्य में एसएंडपी डाउ जोन्स इंडेक्स ने बॉयोटेक कंपनी मोडेर्ना के स्टॉक को एसएंडपी 500 इंडेक्स में शामिल करने का ऐलान किया था.
जुलाई में फाइजर ने 35% बढ़ाया वैक्सीन बिक्री का अनुमान
फाइजर ने पिछले महीने जुलाई के अंत में इस साल 2021 के लिए बिक्री के अनुमान को 35 फीसदी बढ़ाकर 3350 करोड़ डॉलर (2.5 लाख करोड़ रुपये) कर दिया था. फाइजर के मुताबिक कोरोना वायरस के खिलाफ लोगों को वैक्सीन के तीसरी डोज की जरूरत पड़ सकती है. एडवर्ड जोन्स के एक हेल्थकेयर एनालिस्ट एश्टिव एवांस के मुताबिक फाइजर वैक्सीन की बिक्री से मिलने वाली नगदी का इस्तेमाल इंटर्नल रिसर्च एंड डेवलपमेंट (आरएंडडी) और अधिग्रहण के लिए कर सकती है जिससे उसकी स्थिति मजबूत होगी.