/financial-express-hindi/media/post_banners/2Sw8ghEUu7uFSxveZlSA.jpg)
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के सालाना सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीयूष गोयल ने यह बात कही. (File Photo : Reuters)
/financial-express-hindi/media/post_attachments/nw2sWvDJiutXj8lge6K8.jpg)
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि भारत विभिन्न देशों के साथ व्यापार संबंधों में निष्पक्ष और समान शर्त हासिल करने को लेकर काम कर रहा है. वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के सालाना सम्मेलन को संबोधित करते हुए वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने हिंद महासागर क्षेत्र में वृद्धि की अपार संभावनाओं को हकीकत रूप देने और जलवायु परिवर्तन के महत्वपूर्ण मसले से निपटने के लिये विभिन्न देशों के बीच सहयोग का आह्वान किया.
RCEP भारत के अनुकूल नहीं था: गोयल
गोयल ने कहा कि मौजूदा स्वरूप में क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) समझौता भारत के लिये हस्ताक्षर करने के अनुकूल नहीं था. उन्होंने कहा किसी भी समझौते में कई बातों पर ध्यान देने की जरूरत है.
भारत खासकर चीन और दूसरे दूसरे देशों के साथ बड़े व्यापार घाटे से जूझ रहा है. गोयल ने कहा कि आरसीईपी से भारत के हटने के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि पहली बार भारत ने यह दिखाया कि व्यापार कूटनीतिक पहले से निर्देशित नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि आरसीईपी के मामले में जो चिंताएं हैं, उस पर गौर करने की जरूरत है.
भारत जलवायु परिवर्तन को लेकर चिंतित: गोयल
हिंद महासागर तटीय क्षेत्रीय सहयोग संघ (आईओआर) पर रणनीतिक परिदृश्य सत्र में उन्होंने यह भी कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन को लेकर चिंतित है और निष्पक्ष आधार पर सहयोग पर जोर दे रहा है. मंत्री ने कहा कि वे हिंद महासागर के लिये धुरी के समान हैं और उनका मानना है कि इस क्षेत्र में काफी संभावना है. लेकिन साथ ही भारत जलवायु परिवर्तन को लेकर भी काफी चिंतित है.
गोयल ने कहा कि निष्पक्ष और समान वितरण को ध्यान में रखते हुए हिंद महासागर के आसपास के सभी देश महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. भारत जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर पूरे सहयोग की भी उम्मीद करता है. उन्होंने कहा कि वे विभिन्न देशों के साथ अपने व्यापार संबंधों में समान आधार पर शर्तों को रखने की दिशा में भी काम कर रहे हैं.